भारत को आखिरकार अपना पहला सेमीकंडक्टर फैब कारखाना जल्द ही मिल जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ताइवान की कंपनी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प (पीएसएमसी) के साथ साझेदारी में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर फैब को मंजूरी दे दी है। यह कारखाना गुजरात के धोलेरा में स्थापित किया जाना है जहां कुल 91,000 करोड़ रुपये (11 अरब डॉलर) का निवेश होगा। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर 20,000 कुशल रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
टाटा के इस कारखाने की खासियत यह है कि यहां 28 नैनोमीटर तकनीक के साथ जबरदस्त क्षमता वाले कंप्यूटर चिप का उत्पादन होगा। अब तक यह समझा जा रहा था कि भारत 40 एनएम चिप के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेगा। इस कारखाने की कुल क्षमता 50,000 वेफर प्रति महीने होगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इन तीनों चिप कारखानों का निर्माण अगले 100 दिनों में शुरू हो जाएगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट ताइवान की कंपनी पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करेगी।
टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड असम के मोरीगांव में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक सेमीकंडक्टर कारखाना स्थापित करेगी। मुंबई की कंपनी सीजी पावर जापान की कंपनी रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प और थाईलैंड की कंपनी स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के साथ मिलकर गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर कारखाना स्थापित करेगी।
इन चिप कारखानों से उन्नत प्रौद्योगिकी में 20,000 प्रत्यक्ष रोजगार और करीब 60,000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
वैष्णव ने यह भी कहा कि इन तीनों चिप कारखानों के लिए कुल अनुमानित निवेश 1.26 लाख करोड़ रुपये है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के कारखाने की क्षमता हर महीने 50,000 वैफर्स के उत्पादन की होगी। एक वैफर में 5,000 चिप होते हैं और इस प्रकार कुल सालाना उत्पादन क्षमता करीब 3 अरब चिप की होगी।
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टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली के कारखाने में रोजाना 4.8 करोड़ चिप का उत्पादन होगा जबकि सीजी पावर के कारखाने में 1.5 करोड़ चिप प्रति दिन उत्पादन होगा। कुल रकम में से धोलेरा में 91,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा जबकि असम में 27,000 करोड़ रुपये और साणंद में 7,600 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
ये कारखाने पिछले साल साणंद में अमेरिकी कंपनी माइक्रोन द्वारा घोषित 22,516 करोड़ रुपये के कारखाने के अलावा होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में एक सेमीकंडक्टर नीति की घोषणा की थी जिससे भारत में निवेश के लिए वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित हुआ है।