प्रमुख आईटी सेवा कंपनी इन्फोसिस ने अपने एक अहम ग्राहक को आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और ऑटोमेशन पर आधारित विकास, आधुनिकीकरण तथा रखरखाव सेवाएं मुहैया कराने का समझौता किया है। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि उसका ग्राहक अगले पांच साल में इस समझौते के तहत 2 अरब डॉलर खर्च कर सकता है।
इन्फोसिस ने इस सौदे या ग्राहक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। कंपनी 20 जुलाई को पहली तिमाही के नतीजे जारी करेगी। संभवत: इसीलिए वह ज्यादा जानकारी देने से बच रही है।
भारत में आईटी सेवा कंपनियां एआई में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही हैं। विप्रो ने पिछले सप्ताह विप्रो एआई360 पेश की। उसने अगले तीन साल में एआई क्षमता बढ़ाने के लिए 1 अरब डॉलर निवेश करने की बात भी कही है। इससे पहले मई में इन्फोसिस ने टोपाज पेश किया था। इसके तहत सेवा, समाधान और प्लेटफॉर्म से जुड़ी सुविधा एक साथ दी जाती है। टोपाज जेनरेटिव एआई प्रौद्योगिकियों की ताकत का उपयोग करता है।
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हाल में आईटी कंपनियां कई बड़े ठेके हासिल कर रही हैं। इन्फोसिस ने हाल में डेनमार्क के डैंस्क बैंक के साथ अहम सौदे पर हस्ताक्षर किया है। इसके अंतर्गत बैंक में डिजिटल बदलाव की रफ्तार बढ़ाते हुए उसे व्यापक रूप प्रदान करना है। करीब 45.5 करोड़ डॉलर का यह सौदा 5 साल के लिए किया गया है और तीन बार इसे एक-एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इस सौदे को वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही से पहले अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने ब्रिटेन के नैशनल एम्प्लॉयमेंट सेविंग्स ट्रस्ट (नेस्ट) के साथ सौदा किया है। करीब 19 अरब डॉलर का यह सौदा 18 साल के लिए है। टीसीएस ने ब्रिटेन और वेल्स में शिक्षक पेंशन योजना के लिए ग्राहकों का अनुभव बेहतर करने के लिए वहां के शिक्षा विभाग के साथ 10 साल के एक अनुबंध पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस साल फरवरी में टीसीएस ने ब्रिटेन की कंपनी फीनिक्स ग्रुप होल्डिंग्स के साथ 72.3 करोड़ डॉलर का सौदा किया। कंपनी ने ब्रिटेन की रिटेल कंपनी एमऐंडएस के साथ भी 10 साल का अनुबंध किया है।
टीसीएस ने पहली तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कहा था कि तिमाही के दौरान उसने 50 से अधिक जेनेरेटिव एआई (जीएआई) सौदे हासिल किए हैं। कंपनी ने कहा कि ऐसे 100 से अधिक सौदे संभावित हैं। कंपनी के एमडी एवं सीईओ के कृत्तिवासन ने कहा, ‘राजस्व पर जीएआई का प्रभाव दिखने में कुछ तिमाही और लगेंगे। मगर, हमसे बात करने वाले हरेक ग्राहक ने इसमें दिलचस्पी दिखाई।’
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विप्रो के एमडी एवं सीईओ थिएरी डेलापोर्ट ने कहा, ‘एआई आधारित सौदों में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। ऐसा कोई ग्राहक नहीं है जो एआई पर बात न करता हो।’
विश्लेषकों का मानना है कि जीएआई को बड़े सौदों में बदलने में थोड़ा वक्त लगेगा। गार्टनर के वरिष्ठ निदेशक (एनलिस्ट) डीडी मिश्रा ने कहा, ‘अगर किसी आईटी सौदे में एआई शामिल न हो तो मुझे आश्चर्य होगा। फिलहाल भारतीय आईटी कंपनियों के पास जीएआई में पर्याप्त दक्षता नहीं है। मगर जल्द ही वे इस मोर्चे पर भी वैश्विक कंपनियों को टक्कर देंगी।’