देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बहुत अच्छा रहा है।
तिमाही के दौरान कंपनी ने ग्रामीण बाजारों में नरमी के बावजूद शुद्ध लाभ में 7.7 फीसदी का इजाफा दर्ज किया, जिसके बाद उसका लाभ 2,474 करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़ा बाजार के अनुमानों से ज्यादा है। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी ने 2,297 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।
HUL के निदेशक मंडल ने प्रवर्तक कंपनी यूनिलीवर के साथ नए रॉयल्टी अनुबंध को मंजूरी दे दी। इसके तहत रॉयल्टी कुल कारोबार की 2.65 फीसदी से बढ़कर 3.45 फीसदी हो जाएगी।
अक्टूबर-दिसंबर, 2022 में कंपनी का राजस्व 16 फीसदी बढ़कर 15,343 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 13,223 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान ग्रामीण मांग में थोड़ा सुधार भी दिखा और मात्रा के लिहाज से कंपनी की बिक्री 5 फीसदी बढ़ गई।
HUL के मुख्य वित्त अधिकारी ऋतेश तिवारी ने कहा कि दिसंबर तिमाही के दौरान ग्रामीण बाजारों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘दिसंबर तिमाही में वृद्धि सितंबर तिमाही और पिछले 12 महीनों के मुकाबले अधिक रहना सुधार का संकेत है। मुद्रास्फीति में गिरावट, फसलों की अच्छी बोआई और कृषि आय में वृद्धि से पता चलता है कि ग्रामीण बाजार की नरमी अब खत्म होने लगी है।’
एचयूएल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ संजीव मेहता ने कहा कि दिसंबर तिमाही में ग्रामीण बाजारों का प्रदर्शन बेहतर रहा। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण बाजारों में जून और जुलाई के दौरान मूल्य के लिहाज से बिक्री घटी थी और मात्रा के लिहाज से भी उसमें 13 और 12 फीसदी कमी रही थी। अच्छी बात यह है कि दिसंबर तिमाही में मूल्य के लिहाज से वृद्धि 2.5 फीसदी हो गई जबकि मात्रा के हिसाब से बिक्री में गिरावट पहले से कम रह गई है। हमें सुधार के संकेत दिख रहे हैं लेकिन ग्रामीण बाजार की मांग और मात्रात्मक बिक्री सकारात्मक होने में अभी वक्त लगेगा।’
अगस्त 2021 से ही ग्रामीण मांग कमजोर है क्योंकि जिंस कीमतों में तेजी के कारण कंपनियां उत्पादों के दाम बढ़ाने के लिए मजबूर थीं। कुछ कंपनियों ने उत्पादों के दाम नहीं बढ़ाए मगर पैकेट का वजन कम कर दिया, जिससे खपत पर असर पड़ा।
मेहता ने कहा कि 2023 के लिए कंपनी सतर्क लेकिन आशान्वित है। उन्होंने कहा कि बाजार पर करीबी नजर रखने की जरूरत होगी।
निकट अवधि की तस्वीर पर तिवारी ने कहा कि यदि जिंसों के दाम मौजूद स्तर पर बने रहते हैं तो एचयूएल का रुख आशावादी बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘महंगाई का बुरा दौर अब पीछे छूट चुका है। एफएमसीजी के मामले में यह सही है और अब धीरे-धीरे ग्राहकों की मांग बढ़नी चाहिए।’
हालांकि उन्होंने आगाह किया कि साल भर पहले के मुकाबले मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है और कंपनी कीमत में बढ़ोतरी के जरिये वृद्धि की उम्मीद कर रही है।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एचयूएल का होम केयर कारोबार 32 फीसदी बढ़ा है जबकि सौंदर्य और पर्सनल केयर श्रेणी में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। एचयूएल ने कहा, ‘वॉशिंग और हाउसहोल्ड केयर श्रेणी की वृद्धि दो अंक में रही और अन्य सभी श्रेणियों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा।’ एचयूएल के फूड एवं रिफ्रेशमेंट कारोबार में इस दौरान 7 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
कंपनी की कुल बिक्री में करीब 25 फीसदी बिक्री ऑनलाइन हो रही है और तिवारी ने कहा कि सभी उत्पादों की ऑनलाइन मांग बढ़ रही है।
एचयूएल के निदेशक मंडल ने प्रवर्तक कंपनी यूनिलीवर के साथ नए रॉयल्टी अनुबंध को मंजूरी दे दी। इसके तहत रॉयल्टी और केंद्रीय सेवाओं का शुल्क वित्त वर्ष 2022 के कुल कारोबार के 2.65 फीसदी से बढ़कर 3.45 फीसदी हो जाएगा। मगर यह नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगा।
यह बढ़ोतरी अगले तीन साल के दौरान चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी। फरवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक इसमें 45 आधार अंक का इजाफा किया जाएगा और 2024 में 25 आधार अंक की तथा 2025 में 10 आधार अंक की वृद्धि की जाएगी। यूनिलीवर के साथ मौजूदा तकनीक, ट्रेडमार्क लाइसेंस और केंद्रीय सेवा अनुबंध जनवरी 2013 को किया गया था, जो 10 साल के लिए था।