जल संरक्षण और बचत पर आज उद्योग जगत की कई कंपनियां मिसाल पेश कर रही है। प्रचुर मात्रा में होने के बावजूद अभी भी पानी सबके लिए उपलब्ध नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कंपनियां जल संरक्षण की बढ़ती चुनौतियों के युग में पानी जैव विविधता, आबादी और उनकी आर्थिक समृद्धि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। राजस्थान जहां पानी अपर्याप्त है यहां कार्य करना पानी के महत्व को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है।
हिन्दुस्तान जिंक जल की महत्ता को महत्वपूर्ण मानते हुए अपने संचालन में इस बात का प्रमुखता से ध्यान रखती है कि जल का पूर्ण रूप से पुनः उपयोग हो। जल संरक्षण हेतु अपने संचालन क्षेत्र के आस पास जल संसाधनों का पुनर्निर्माण एवं बड़े पैमाने पर पर्यावरण एवं सस्टेनेबिलिटी के साथ लोगों के जल उपलब्धता को प्राथमिकता दिया है।
22 मार्च विश्व जल दिवस के मौके पर कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया कि कंपनी शुद्ध जल की खपत को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और पिछले 5 वर्षों में पानी की कमी, पुनर्चक्रण और बहाली पर ध्यान केंद्रित करने वाली पहल एवं जल संरक्षण पर बल देने के साथ इसे लगभग 30 प्रतिशत कम किया है जिससे कंपनी 2.4 गुना वॉटर पॉजिटिव है।
हिंदुस्तान जिंक इंटिग्रेटेड वॉटर मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आरओ जेडएलडी प्लांट के माध्यम से शून्य-डिस्चार्ज और जल-सकारात्मकता को बनाए रखता है, जो कि कंपनी के सभी संयंत्रों में संचालित है। आरओ जेड एलडी संयंत्र अपशिष्ट जल का उपयोग करता है, शून्य निर्वहन को मजबूत करता है और शुद्ध जल पर समग्र निर्भरता को कम करता है। इसके अलावा कंपनी अपने वाटर फुटप्रिंट को कम करने और मीठे पानी की खपत को कम करने के लिए पुन उपयोग करने और पुनर्चक्रण के तरीकों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा उदयपुर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है जिसकी क्षमता 60 मिलियन लीटर पानी प्रतिदिन उपचारित की है। झीलों के शहर को साफ रखने के लिए सार्वजनिक-निजी-साझेदारी मॉडल के तहत एसटीपी की स्थापना की, जिसने शहर में झीलों के प्रदूषण भार को प्रभावी ढंग से कम किया है, और यह स्वच्छ भारत की दिशा में मुख्य पहलों में से एक है। यह घरेलू सीवेज के उपचार और जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस उपचारित जल का उपयोग हिन्दुस्तान जिंक द्वारा संचालन में किया जाता है।
हिंदुस्तान जिंक जल संरक्षण और जल प्रबंधन में सुधार के लिए स्थानीय समुदायों के साथ भी कार्यरत है। हाल ही में रामपुरा अगुचा खदान के पास वर्षा जल संचयन परियोजना ने जल भंडार के प्रति वर्ष 8.7 मिलियन क्यूबिक मीटर की अनुमानित पुनर्भरण क्षमता का निर्माण किया है।
इससे क्षेत्र में भूजल में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न उद्देश्यों के साथ-साथ ग्रामीणों की सुरक्षित आजीविका के लिए पानी की उपलब्धता होगी। इस पहल से इस क्षेत्र में रहने वाले 70 से 75 हजार लोगों को लाभ होने का अनुमान है। परियोजना के परिणामस्वरूप, फसल पैटर्न और पैदावार में भी वृद्धि होगी।
संरक्षण, प्रभावी जल उपचार और इष्टतम उपयोग इसकी आपूर्ति बढ़ाने के एकमात्र तरीके हैं। सूखे टेलिंग डैम, प्रक्रियाओं में जल संचयन संरचनाओं और समुदायों के लिए आरओ जल संयंत्रों, जल एटीएम और वर्षा जल संचयन की पहल के अलावा पानी के संरक्षण में हिंदुस्तान जिंक द्वारा उठाए गए निरंतर कदम कंपनी को 5 गुना जल सकारात्मक बनाने के लिए अग्रसर हैं।
खनन उद्योग में अग्रणी कंपनियों में से एक के रूप में, हिंदुस्तान जिंक को तीसरे पक्ष के संगठन द्वारा किए गए आश्वासन के आधार पर वाटर पॉजिटिव कंपनी घोषित किया गया था। 2.41 के इस अनुपात के साथ, हिंदुस्तान जिंक शीर्ष जल संरक्षण कंपनियों में प्रमाणित है।
हिंदुस्तान जिंक ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का एक नेटवर्क स्थापित किया है, जिसकी क्षमता को बढ़ाकर 60 एमएलडी कर दिया गया है। दीर्घकालिक लक्ष्य 5 गुना जल सकारात्मक कंपनी होना है और आधार वर्ष 2020 से 2025 तक मीठे पानी की खपत में 25 फीसदी की कमी हासिल करना है।