इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनी एथर एनर्जी में पवन मुंजाल की अगुआई वाली हीरो मोटोकॉर्प की हिस्सेदारी ज्यादा से ज्यादा 40 फीसदी ही हो सकती है। एथर ने पिछले दिनों राइट्स इश्यू के जरिये 900 करोड़ जुटाए, जिस दौरान हीरो मोटोकॉर्प की हिस्सेदारी इस सीमा को छू गई। यदि हीरो इससे अधिक हिस्सेदारी चाहती है तो उसे एथर के मुख्य कार्याधिकारी तरुण मेहता के नेतृत्व वाले प्रवर्तकों से मंजूरी लेनी होगी।
हिस्सेदारी की अधिकतम सीमा की शर्त दोनों कंपनियों के बीच हुए एक निजी समझौते में जोड़ी गई है। इसका मकसद कुछ हिस्सेदारों का यह डर दूर करना था कि हीरो मोटोकॉर्प कंपनी का अधिग्रहण कर सकती है। उन्हें लगता है कि विडा के जरिये इलेक्ट्रिक स्कूटर बाजार में पैठ बनाने की कोशिश खास सफल नहीं रहने के बाद हीरो नए दौर में पूंजी लगाकर या शेयर बाजार से शेयर खरीदकर एथर में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल कर सकती है और बाद में उसे अपने कब्जे में कर सकती है।
एथर के प्रवर्तकों की कंपनी में करीब 15 से 16 फीसदी हिस्सेदारी है और अब वे हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। जीरोधा के संस्थापक निखिल कामत के पास भी एथर के शेयर हैं और वह हिस्सेदारी बढ़ाना भी चाहते हैं मगर मौजूदा निवेशक शेयर बेच ही नहीं रहे। एथर के प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
हिस्सेदारी वाली बात से वाकिफ सूत्रों ने कहा कि हीरो मोटोकॉर्प शुरू से ही एथर की निवेशक रही है और पूंजी जुटाने के हर अभियान में उसने कंपनी को सहारा दिया है। माना जा रहा है कि जब एथर अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाएगी तो हीरो मौजूदा निवेशकों के लिए ऑफर फॉर सेल में कुछ शेयर बेच देगी।
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एथर ने हाल ही में राइट्स जारी कर 900 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसमें हीरो मोटोकॉर्प और सिंगापुर के सरकारी वेल्थ फंड जीआईसी ने निवेश किया था। तब हीरो ने 550 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके साथ ही एथर में उसकी हिस्सेदारी 36.6 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी के करीब पहुंच गई। इसके साथ ही एथर ने शुरुआत से अभी तक कुल 40 करोड़ डॉलर की पूंजी जुटा ली है।
एथर मुनाफा कमाते समय ही आईपीओ लाने की अपनी योजना को वक्त से पहले अमली जामा पहनाना चाहती है। एथर के तरुण मेहता ने अगस्त में कहा कि आईपीओ लाने में 24 महीने लग सकते हैं। मगर इस साल की पहली तिमाही में फैमिली स्कूटर लाने की तैयारी कर रही कंपनी अपना उत्पादन बढ़ाने और साल के अंत तक आईपीओ लाने पर काम शुरू करने की उम्मीद कर रही है।
उधर ई-स्कूटर क्षेत्र की बड़ी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मार्च में आईपीओ लाने जा रही है। एथर को उसका फायदा मिल सकता है क्योंकि उस समय ई-वाहन कंपनियों का मूल्यांकन ज्यादा वाजिब तरीके से किया जाएगा। ओला आईपीओ से 5,500 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है और उसने आईपीओ दस्तावेज जमा करा दिया है। एथर की ही तरह घाटे में होने के बावजूद ओला इलेक्ट्रिक की कीमत 5.5 अरब डॉलर आंकी गई है। सूत्रों ने कहा कि एथर भी 4,000 करोड़ से 5,000 करोड़ रुपये का आईपीओ ला सकती है।