एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में मांग में इजाफा होने की उम्मीद है क्योंकि सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों जैसे कर रियायतें, 2025 की शुरुआत के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 100 आधार अंकों की दर कटौती और अच्छे मॉनसून से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खपत में सुधार आएगा।
एफएमसीजी क्षेत्र में कंपनियां दो अंक की वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं, भले ही कृषि उपज की कीमतों में भी भारी वृद्धि की उम्मीद नहीं है।
पारले प्रोडक्ट्स में उपाध्यक्ष मयंक शाह ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सरकार द्वारा चलाई जा रहीं सभी पहलें खपत के लिहाज से सकारात्मक हैं। ग्रामीण और शहरी, दोनों स्तर पर डिस्क्रेशनरी खर्च और मांग को बढ़ावा मिलेगा और इससे वित्त वर्ष के शेष समय में मांग में दो अंक की वृद्धि दर्ज में मदद मिलेगी।’
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गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स को भी पर्सनल केयर और होम केयर जैसी श्रे णियों में मांग बढ़ने की संभावना है। गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में बिक्री प्रमुख कृष्णा खटवानी ने कहा, ‘आरबीआई की दर कटौती का उद्देश्य उधार को अधिक किफायती बनाकर और उपभोक्ताओं के लिए इस्तेमाल योग्य आय को सुधारकर आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देना है। यह मौद्रिक नीति संबं धित यह बदलाव एफएमसीजी क्षेत्र के लिए एक मजबूत अवसर पेश करेगा। इससे नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा और खपत चक्र में सुधार आएगा। आरबीआई की लक्षित सीमा के भीतर मुद्रास्फीति के बने रहने से, डिस्क्रेशनरी खर्च में उपभोक्ता का विश्वास बढ़ने की संभावना है, जिससे पर्सनल केयर और होम केयर जैसी श्रेणियों को फायदा होगा।’
ब्लू स्टार में प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन ने कहा, ‘तरलता सुधरने से पूंजीगत खर्च बढ़ेगा, आवास ऋण पर बोझ घटेगा और इससे बाजार में ज्यादा उपभोक्ता आएंगे। आयकर छूट से भी बड़ी राहत मिलेगी। बी2बी (बिजनेस-टु-बिजनेस) और बी2सी (बिजनेस-टु-कंज्यूमर) दोनों में मांग बढ़ेगी।’उन्होंने कहा कि जहां एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर जैसे सामान की बिक्री सीजन के दौरान ज्यादा अच्छी नहीं रही, लेकिन आगामी त्योहारी सीजन से मांग में तेजी आएगी।
सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स के मुख्य कार्या धिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने कहा कि 2025 की पहली छमाही में इस क्षेत्र पर प्रभाव पड़ा। मारवाह ने कहा, ‘कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट में कई बड़े आकार के उत्पाद (जिनकी कीमत 10,000-15,000 रुपये से ऊपर है) खासकर ईएमआई पर खरीदे जाते हैं। सरकार दबाव को कम करने और खरीदारी की धारणा बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। घरेलू बाजार में मांग में सुधार होना चाहिए।’
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वाहन निर्माताओं का मानना है कि संपूर्ण 100 आधार अंक का फेरबदल एंट्री और मिड लेवल सेगमेंट में मांग को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
इस कदम का स्वागत करते हुए, सायम के अध्यक्ष और टाटा पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कहा, ‘रीपो दर में इस तरह की कटौती का वाहन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे कम लागत पर फाइनैंस तक पहुंच बढ़ेगी, जिससे बाजार में उपभोक्ताओं के बीच एक सकारात्मक धारणा पैदा होगी।’
हाल के महीनों में कुल 100 आधार अंक की दर कटौती (फरवरी 2025 में 25 आधार अंक, अप्रैल 2025 में 25 आधार अंक और जून में 50 आधार अंक) से उपभोक्ताओं को कम ब्याज दरों का लाभ मिलने की संभावना है। इससे मांग में इजाफा होगा। रेनो इंडिया के मुख्य कार्या धिकारी एवं प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलापल्ले ने कहा, ‘वाहन क्षेत्र के लिए, इसका सीधा सा मतलब है कि किफायती वाहन फाइनैंस तक बेहतर पहुंच (खासकर एंट्री और मिड-लेवल में) बढ़ेगी।’