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भारत में ऑफिस से काम पर जोर, 95 फीसदी कंपनियां चाहती हैं AI पर निवेश बढ़ाना

भारत में 90 फीसदी कंपनियों में सप्ताह में 3 या इससे अधिक दिन काम कर रहे हैं कर्मचारी, विदेशों में ऐसा 85 फीसदी कंपनियों में है।

Last Updated- November 28, 2024 | 5:08 PM IST
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भारतीय उद्योग में विदेशों की तुलना में कर्मचारियों से ऑफिस में काम करवाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। भारत में सप्ताह में कम से कम तीन दिन कर्मचारियों के ऑफिस में रहने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। आगे चलकर भारत में ऑफिस डे की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है। इसे देखते हुए कंपनियां लंबी अवधि के लिए ऑफिस किराये पर ले रही हैं। कंपनियां ग्रीन सर्टिफाइड स्पेस और जलवायु अनुकूल बिल्डिंग के लिए प्रीमियम भी देने को तैयार हैं। भारतीय उद्यमी एआई पर निवेश करने के भी इच्छुक हैं।

90 फीसदी भारतीय उद्यमियों का ऑफिस से काम पर जोर, विदेशों में 85 फीसदी का

संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया की Future of Work Survey 2024 में कहा गया है कि 90 फीसदी भारतीय संगठनों को एक सप्ताह में कम से कम तीन दिन कर्मचारियों के ऑफिस में उपस्थित रहने की आवश्यकता होती है। यह वैश्विक औसत 85 फीसदी से अधिक है।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि यह ट्रेंड आगे और बढ़ने वाला है। 54 फीसदी भारतीय उद्यमी 2030 तक ऑफिस डे में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि विदेशों में 43 फीसदी ऑफिस डे में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। यह सर्वे दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर भले हाइब्रिड मॉडल बढ़ रहा हो।

लेकिन भारत में लोगों की प्रतिबद्धता ऑफिस आधारित काम के प्रति है। तीन में से दो कंपनियां अगले पांच वर्षों में लंबी अवधि के लिए ऑफिस पट्टे पर ले रही हैं क्योंकि उन्हें ऑफिस में कर्मचारियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। जेएलएल इंडिया के सीईओ और कंट्री हेड राधा धीर ने कहा कि यह सर्वे भारत में ऑफिस में काम करने की वकालत करता है। दो में से एक कंपनी ग्रीन सर्टिफाइड स्पेस और जलवायु फ्रेंडली बिल्डिंग के लिए प्रीमियम भुगतान करने को तैयार है।

भारतीय उद्यमियों का एआई निवेश बढ़ाने पर जोर

यह सर्वे भारतीय ऑफिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को तेजी से अपनाने पर भी प्रकाश डालता है। 94 फीसदी उद्यमियों को उम्मीद है कि एआई उनके कार्यबल संचालन को बदल देगा और 95 फीसदी अगले 5 वर्षों में एआई निवेश में तेजी लाने की योजना भी बना रहे हैं।

यह तकनीक न केवल यह बदलाव लाएगी कि कैसे काम होता है, बल्कि यह भी बताएगी कि कैसे ऑफिस को डिजाइन और मैनेज किया जाए? जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री समंतक दास ने कहा कि 86 फीसदी Corporate Real Estate (CRE) वर्ष 2030 तक भारत में CRE तकनीक पर निवेश बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, जो वैश्विक स्तर 68 फीसदी से ज्यादा है। यह निवेश ऑफिस अनुभव, कार्यक्षमता में सुधार और समग्र कारोबारी वृद्धि के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

First Published - November 28, 2024 | 2:56 PM IST

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