भारत का रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) क्षेत्र भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में आ गया है। ऐसे में देश के गेम डेवलपरों की नजर घरेलू स्तर पर बड़ी बजट की स्पर्धाओं के जरिये ऑनलाइन गेम खेलने वालों का एक तबका तैयार करने पर टिकी है।
पिछले महीने मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) के निवेश वाली गेम डेवलपर मेहम स्टूडियो ने अपने बैटल रॉयल गेम अंडरवर्ल्ड गैंग वॉर (यूजीडब्ल्यू) के बंद पड़े बीटा को शुरू करने की घोषणा की।
इस गेम पर पिछले 18 महीनों से काम चल रहा है और अब तक इसके लिए 70 लाख से अधिक प्री-रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यह भारत का पहला एएए गेम होगा। एएए गेम बड़े बजट वाले, हाई प्रोफाइल गेम होते हैं जो आमतौर पर बड़े प्रकाशक द्वारा वितरित और तैयार किए जाते हैं।
माइनक्राफ्ट, जीटीए 5, कॉल ऑफ ड्यूटी और फोर्टनाइट समेत कई ऐसे एएए गेम हैं। मेहम स्टूडियोज के मुख्य कार्य अधिकारी ओजस विपत ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमारा मानना है कि यूजीडब्ल्यू का शुरू होना न केवल एक बैटल रॉयल गेम पेश करेगा बल्कि यह दुनिया भर के गेमिंग उद्योग में भारत की उपस्थिति और मजबूत करेगा।’
हाल ही में पुणे की गेमिंग स्टूडियो सुपर गेमिंग ने अपने बैटल रॉयल गेम इंडस बैटल रॉयल का बीटा पेश किया। ऐंड्रॉयड उपयोगकर्ताओं के लिए गूगल प्ले पर पेश किए गए इस गेम के लिए 85 लाख उपयोगकर्ताओं ने प्री-रजिस्ट्रेशन किया।
यूजीडब्ल्यू जैसे मोबाइल गेम भारतीय डिजाइन के अनुसार तैयार किए गए हैं और इसे पर्सनल कंप्यूटर और कंसोल तक भी विस्तारित किया जाएगा।
इन बड़े बजट के गेमिंग टाइटल भारत में पेश होने से देश के उभरते गेमिंग उद्योग को वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों के साथ भी बेहतर प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, एएए गेम्स को तैयार करने में काफी अधिक पूंजी की जरूरत होती है, जो देश के डेवलपरों के लिए चुनौती पैदा कर सकती है।