टाटा मोटर्स (Tata Motors) के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज 79वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को बताया कि यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहनों के कारोबार के प्रस्तावित विभाजन से इलेक्ट्रिक वाहनों, स्वचालित वाहनों और वाहन सॉफ्टवेयर की बीच तालमेल बनाने में मदद मिलेगी।
टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने कहा कि कंपनी अलग-अलग रणनीतियों के जरिये ‘वित्तीय मजबूती’ और ग्राहक अनुभव बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी।
चंद्रशेखरन ने आभासी एजीएम में शेयरधारकों को बताया कि इस कारोबार विभाजन से उनकी अलग-अलग रणनीतियों को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने में मदद मिलेगी तथा प्रत्येक कारोबार को ज्यादा चुस्ती और जवाबदेही के साथ उद्देश्यपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
निदेशक मंडल ने कंपनी को दो अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में विभाजित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें वाणिज्यिक वाहन कारोबार और उससे संबंधित निवेश को एक कंपनी में तथा यात्री वाहन कारोबार को दूसरी कंपनी में रखना शामिल है। इसमें पीवी, ईवी, जेएलआर और उससे संबंधित निवेश शामिल है।
चंद्रशेखरन ने कहा कि इससे प्रत्येक कंपनी ग्राहकों के लिए बेहतर अनुभव, कर्मचारियों के लिए बेहतर विकास की संभावनाएं और शेयरधारकों के लिए बेहतर मूल्य प्रदान करेगी।
कंपनी ने कहा कि टाटा मोटर्स अपनी ‘वित्तीय मजबूती’ को बेहतर बनाने और ग्राहक अनुभव बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी तथा बाजार में आगे की वृद्धि के लिए और ज्यादा विशिष्ट रणनीति अपनाएगी।
कंपनी ने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हालांकि हम भारत में विकास और स्थिरता देख रहे हैं, लेकिन वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य निरंतर सैन्य संघर्षों की वजह से अशांत बना हुआ है।
चंद्रशेखरन ने कहा ‘कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा समन्वित कार्रवाई ने मुद्रास्फीति कम करने में मदद की है, हालांकि पूर्ण मूल्य स्तर अधिक बने हुए हैं। अगले कुछ वर्षों के दौरान वैश्विक विकास लगभग तीन प्रतिशत होने के अनुमान से आर्थिक परिदृश्य स्थिर होने की उम्मीद है।’
समेकित आधार पर कंपनी ने मजबूत प्रदर्शन किया है। कुल वाहन बिक्री सालाना आधार पर 7.4 प्रतिशत बढ़कर 13.8 लाख से ज्यादा हो गई है। राजस्व 4.37 लाख करोड़ रुपये और एबिटा 62,800 करोड़ रुपये रहा तथा शुद्ध लाभ 31,800 करोड़ रुपये (पिछले साल के मुकाबले 29,100 करोड़ रुपये अधिक) था। भारत का वाहन कारोबार अब ऋण मुक्त है और कंपनी वित्त वर्ष 25 में जेएलआर को ऋण मुक्त बनाने की राह पर है।