सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा कंपनी कॉग्निजेंट ने आज कहा कि उसे दूसरी तिमाही में अब तक दो बड़े सौदे (कम से कम 50 करोड़ डॉलर) मिले हैं। इससे इस साल उसके सौदों की संख्या तीन हो गई है। उल्लेखनीय है कि कंपनी अगले तीन वर्षों में दोबारा भारत की शीर्ष चार आईटी सेवा कंपनियों में शामिल होने के लिए जुटी हुई है। नैसडैक में सूचीबद्ध कंपनी में जनवरी से दिसंबर तक का वित्त वर्ष है। बैंक ऑफ अमेरिका टेक्नॉलजी कॉन्फ्रेस में कॉग्निजेंट अमेरिका के प्रेसिडेंट सूर्य गुम्मादी ने बताया कि 30 जून को समाप्त दूसरी तिमाही में कंपनी को मिले दो सौदे संचार, मीडिया एवं प्रौद्योगिकी तथा स्वास्थ्य विज्ञान कारोबार से संबंधित हैं।
इससे पहले साल 2024 में कॉग्निजेंट ने 10 करोड़ डॉलर से अधिक के 29 बड़े सौदे हासिल किए थे और उससे एक साल पहले 17 सौदे मिले थे। तब रवि कुमार ने कंपनी के मुख्य कार्य अधिकारी का पद संभाला था। साल 2025 की पहली तिमाही के अंत तक ऐसे चार सौदे हुए, जिनमें स्वास्थ्य विज्ञान क्षेत्र का एक बड़ा सौदा भी शामिल है। दो नए बड़े सौदों के बारे में गुम्मादी ने कहा, ‘ये परिवर्तनकारी सौदे हैं, जिनमें नवीकरण, विस्तार और शुद्ध नए सौदे शामिल हैं जो लगभग 1 अरब डॉलर के हैं। इनमें से अधिकांश सौदे करीब पांच वर्षों के लिए हैं।’
बड़े सौदे हासिल करना कुमार की शीर्ष प्राथमिकता रही है ताकि वे बड़ी लीग में शामिल हो सकें। वृहद आर्थिक माहौल में ऐसे आईटी सौदे जिनके लिए सभी आईटी कंपनियां प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, से कॉग्निजेंट को राजस्व बढ़ाने, बाजार हिस्सेदारी हासिल करने और धीरे-धीरे मार्जिन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां मुख्य कारोबार के इतर के व्यापार के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर रही हैं, ताकि बचत को परिवर्तनकारी कार्यक्रमों में वापस लगाया जा सके। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और ऐक्सेंचर जैसी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कॉग्निजेंट पीछे रही है क्योंकि उसकी वृद्धि धीमी रही, मार्जिन कम हुआ और कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि हुई, जो एक दशक पहले के उसके सुनहरे दिनों से बहुत दूर है जब स्थिर वृद्धि इसकी पहचान मानी जाती थी।