प्रमुख एडटेक कंपनी बैजूस के मौजूदा निवेशक कंपनी के बोर्ड का ढांचा बदलने की मांग कर रहे हैं, जिस पर कंपनी के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी बैजू रवींद्रन ने अधिक नियंत्रण के बदले उनसे कंपनी में 30 करोड़ डॉलर का निवेश करने को कहा है।
कंपनी जनरल अटलांटिक, सोफिना, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए), सुमेरु वेंचर्स, विट्रुवियन पार्टनर्स, ब्लैकरॉक, चान जुकरबर्ग इनीशिएटिव, सिकोया, सिल्वर लेक, बॉन्ड कैपिटल, टेनसेंट और टाइगर ग्लोबल जैसे निवेशकों से करीब 5.8 अरब डॉलर जुटा चुकी है।
मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘मौजूदा शेयरधारकों ने रवींद्रन से बोर्ड का ढांचा बदलने को कहा है ताकि कंपनी चलाने में उनकी भूमिका बढ़ सके। रवींद्रन ने उनसे कहा है कि कंपनी में अधिक नियंत्रण के बदले वे करीब 30 करोड़ डॉलर का निवेश करें।’ उसने बताया कि इस बारे में बातचीत चल रही है और कुछ महीनों में सौदा पक्का हो सकता है।
निवेशकों से और रकम मिल गई तो नकदी की किल्लत से जूझ रही बैजूस को तमाम तरह की वित्तीय देनदारी पूरी करने, कंपनी चलाने और कर्ज देने वालों के साथ कानूनी विवाद सुलझाने में आसानी होगी। लंबे समय तक चलने वाला मॉडल तैयार करने के लिए अपने घाटे में बड़ी कमी लाने की चुनौती भी बैजूस के आगे है। रकम जुटाने के लिए निवेशकों के साथ बातचीत के बारे में बैजूस से कोई जवाब नहीं मिल सका।
20 दिसंबर बैजूस की वर्चुअल सालाना आम बैठक (एजीएम) हुई थी, जिसमें संसाधनों को संभालने तथा अकाउंटिंग के तरीकों पर आंतरिक नियंत्रण की कमी का मसला जोर-शोर से उठा था। बैठक में करीब 60 शेयरधारक थे। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने संस्थापक बैजू रवींद्रन को कंपनी की वित्तीय स्थिति और हालचाल पर अधिक पारदर्शिता बरतने के लिए कहा।
शेयरधारकों के सामने पेश वित्तीय आंकड़ों के मुताबिक बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न को वित्त वर्ष 2022 में कुल 8,245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। 2020-21 में घाटा 4,564 करोड़ रुपये ही था। बैजूस ने 2020 में कोडिंग स्टार्टअप व्हाइटहैट जूनियर का अधिग्रहण 30 करोड़ डॉलर में किया था, जिसे बट्टेखाते में डाल दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि उसी वजह से कंपनी का घाटा बढ़ा है।
वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कुल राजस्व 5,015 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2021 में आए 2,280.2 करोड़ रुपये से अधिक था। मगर कंपनी सितंबर 2022 में तय अपना लक्ष्य हासिल करने से चूक गई। उस समय कंपनी ने कहा था कि वित्त वर्ष 2022 में उसका कुल राजस्व बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।
वार्षिक आम बैठक के दौरान थिंक ऐंड लर्न ने वित्त वर्ष 2022 के लिए लेखांकन सहित सभी प्रस्तावों को पारित किया। बैठक में मुख्य तौर पर दो विषय शामिल थे- वित्त वर्ष 2022 के लिए एकल एवं समेकित वित्तीय नतीजों को मंजूरी देना और ऑडिटर के तौर पर एमएसकेए ऐंड एसोसिएट्स (भारत में बीडीओ) की नियुक्ति को हरी झंडी देना। बैजूस ने घोषणा की है कि लेखा फर्म बीडीओ को कंपनी के वैधानिक ऑडिटर के रूप में दोबारा नियुक्त किया गया है।
हालांकि, शुरुआत में बीडीओ के अधिकारी बैठक से गायब थे। इससे शेयरधारक नाराज हो गए। मगर बाद में वे बैठक में शामिल हुए जबकि वार्षिक आम बैठक में भाग लेने के लिए उनकी कोई बाध्यता नहीं थी। उन्हें निवेशकों के सवालों का भी सामना करना पड़ा। बैठक की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘कंपनी ने बैठक को सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया।’ उन्होंनेकहा, ‘जिन चुनौतियों से जूझ रही है उसे देखते हुए शेयरधारकों को लगा कि ऑडिटरों को बैठक में भाग लेना चाहिए था।’
भारत में कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी अर्जुन मोहन ने निवेशकों एवं शेयरधारकों के समक्ष बैजूस 3.0 योजना प्रस्तुत की। बैठक में मौजूद एक व्यक्ति ने कहा, ‘इसके तहत हाइब्रिड मॉडल यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन सेवाओं की पेशकश ध्यान केंद्रित दिया गया था।’ बैठक के दौरान रवींद्रन ने कंपनी कारोबार की मौजूदा स्थिति और चुनौतियों के बारे में भी बताया जिसमें टर्म लोन बी (टीएलबी) संबंधी
मुकदमेबाजी का भी उल्लेख भी शामिल था। अमेरिका में बैजूस को 1.2 अरब डॉलर के टीएलबी के लिए ब्याज भुगतान न करने के लिए लेनदारों के साथ विवाद से जूझना पड़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी अपनी दो प्रमुख परिसंपत्तियों- एपिक और ग्रेट लर्निंग- को बेचकर 80 करोड़ डॉलर से 1 अरब डॉलर जुटाने की भी योजना बना रही है।