पेंट की बढ़ती मांग को भुनाने और कारोबार में अधिक मार्जिन की तलाश में बड़ी कंपनियों ने पेंट बाजार (paints market) में प्रवेश की घोषणा की है। इनमें पिडिलाइट इंडस्ट्रीज (Pidilite Industries) नवीनतम है।
इंडियन पेंट्स एसोसिएशन के अनुसार देश में पेंट और कोटिंग क्षेत्र पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है और उद्योग का मौजूदा आकार 62,000 करोड़ रुपये है। एसोसिएशन ने कहा है कि यह क्षेत्र पिछले कुछ साल से लगातार दो अंकों की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल कर रहा है।
वर्ष 2019 में इस क्षेत्र में प्रवेश की घोषणा करने वाली पहली बड़ी कंपनी जेएसडब्ल्यू पेंट्स (JSW Paints) थी। इसके बाद आदित्य बिड़ला समूह की ग्रासिम (Grasim) आई।
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पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक भरत पुरी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी हमेशा से ही पेंट कारोबार का हिस्सा रही है तथा वॉटरप्रूफिंग और पेंट एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।
पुरी ने कहा कि हमारे डीलर हमसे उत्पादों की पूरी श्रृंखला देने की मांग कर रहे थे क्योंकि वे शेष उत्पाद प्रतिस्पर्धियों से नहीं खरीदना चाहते थे। हमने हाल ही में केवल उन उत्पादों की श्रृंखला पूरी की है, जो हम पेश कर रहे हैं और कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में उनका परीक्षण कर रहे हैं।
जेएसडब्ल्यू पेंट्स अपना राजस्व बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये कर चुकी है और वित्त वर्ष 26 तक इसके 5,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
ग्रासिम इस क्षेत्र में वर्ष 2021 में आई थी और तब उसने कहा था कि वह अपने मौजूदा कारोबार में आकार, स्तर और विविधता जोड़ेगी। अक्टूबर-दिसंबर के अपने परिणाम देते हुए कंपनी ने कहा था कि उसका कुल 505 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय पेंट कारोबार के लिए जमीन के अधिग्रहण के संबंध में है। उसने अगले तीन साल में 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई थी।
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उसका इरादा कारोबार में एशियन पेंट्स के बाद दूसरी सबसे बड़ा कंपनी बनने का है। तीसरी तिमाही के परिणामों के बाद कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी पवन जैन ने निवेशकों को बताया था कि अब तक 1,800 करोड़ से अधिक के निवेश के साथ पूंजीगत व्यय भी उम्मीद के अनुरूप चल रहा है। वाणिज्यिक शुरुआत वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में निर्धारित है।
एशियन पेंट्स के पास बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है। बर्जर पेंट्स और कंसाई नेरोलैक क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
ब्रोकर फर्म दौलत कैपिटल के उपाध्यक्ष सचिन बोबडे ने कहा कि पेंट की मांग काफी जोरदार है और यह अधिक वृद्धि वाला क्षेत्र है, जो अधिक कंपनियों को स्थान प्रदान कर सकता है। पेंट कारोबार में मार्जिन तथा आरओई (इक्विटी पर रिटर्न) भी बेहतर है।