facebookmetapixel
CAFE-3 Norms पर ऑटो सेक्टर में बवाल, JSW MG Motor और टाटा मोटर्स ने PMO को लिखा पत्रShare Market: चौथे दिन भी बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी सपाट बंदSEBI कानूनों में दशकों बाद बड़ा बदलाव: लोकसभा में पेश हुआ सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 2025‘नो PUC नो फ्यूल’ नियम से पहले दिल्ली में अफरा-तफरी, 24 घंटे में 31 हजार से ज्यादा PUC सर्टिफिकेट जारीSBI, PNB, केनरा से लेकर IOB तक ने लोन की दरों में कटौती की: आपके लिए इसका क्या मतलब है?Ola-Uber की बढ़ी टेंशन! दिल्ली में लॉन्च हो रही Bharat Taxi, ₹30 में 4 किमी का सफरExplainer: ओमान के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता, अबतक 17 करार; भारत FTA पर क्यों दे रहा है जोर?खत्म नहीं हो रही इंडिगो की समस्या! अब CCI ने शिकायत पर उड़ानों में रुकावट को लेकर शुरू की जांचIndia-Oman FTA: भारत और ओमान के बीच मुक्त व्यापार समझौता, 98% भारतीय निर्यात को ड्यूटी-फ्री पहुंचबिहार में ग्रीन एनर्जी में ₹13,000 करोड़ का बड़ा निवेश, BSPGCL ने ग्रीनको एनर्जीज के साथ किया करार

एलआईसी आईपीओ आवेदन के लिए यूपीआई लेनदेन सीमा बढ़ाएगा बैंक

Last Updated- December 11, 2022 | 9:11 PM IST

सरकार ने सार्वजनिक व निजी बैंकों से 2 लाख रुपये तक के यूपीआई भुगतान के लिए प्रति लेनदेन की सीमा में इजाफा करने को कहा है ताकि एलआईसी आईपीओ के लिए यूपीआई के जरिए खुदरा निवेशकों के आवेदनोंं की कामयाबी की साथ प्रोसेसिंग हो जाए।
निवेश व सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने आईपीओ के लिए तकनीकी तैयारी का जायजा लेने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया है, जिसने पाया कि यूपीआई के जरिए भुगतान का विकल्प चुनने पर खुदरा निवेशकों के कई आवेदन इसलिए फेल हो गए क्योंंकि बैंकों ने प्रति लेनदेन की सीमा तय कर रखी है। अधिकारी ने यह जानकारी दी।
खुदरा निवेशक किसी आईपीओ में 2 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। यूपीआई की मौजूदा सीमा भी 2 लाख रुपये है, लेकिन अलग-अलग बैंकों की अपनी-अपनी लेनदेन सीमा है। यूपीआई के जरिये एक दिन में एक लाख रुपये खर्च किए जा सकते हैं, लेकिन आईपीओ व बीमा भुगतान इस मामले में अपवाद है।
हालांकि वर्किंग ग्रुप ने विश्लेषण मेंं पाया कि पिछले आईपीओ में आवेदन फेल होने का कारण बिजनेस डिक्लाइन रहा। इस मामले पर नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन संग चर्चा हुई और पाया गया कि ऐसी नाकामी प्रति लेनदेन की सीमा के कारण हो रही है, जिसे अलग-अलग बैंकों ने लागू किया है।
प्रति लेनदेन सीमा में बढ़ोतरी, रोजाना की लेनदेन की अनुमन्य संख्या से ज्यादा होने और दिन के लिए तय सीमा से ज्यादा होने पर बिजनेस डिक्लाइन माना जाता है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, करीब 3,13,995 आईपीओ मैनडेट जनवरी 2022 में एसबीआई में सृजित हुए, जिसमे ंसे 12.51 फीसदी बिजनेस डिक्लाइन के चलते फेल हो गए। दिसंबर 2021 में 19.6 करोड़ मैनडेट एसबीआई में सृजित हुए थे, जिनमें से 8.26 फीसदी बिजनेस डिक्लाइन के चलते फेल हुए।

First Published - February 17, 2022 | 11:27 PM IST

संबंधित पोस्ट