नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने अकासा एयर के एक डेजिग्नेटेड एक्जामिनर (डीई) कुणाल खजूरिया को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि खजूरिया को पायलट कौशल परीक्षण के दौरान नियमों के उल्लंघन की वजह से निलंबित किया गया है।
29 जुलाई को जारी आदेश में कहा गया था, ‘कैप्टन कुणाल खजूरिया की डीई स्वीकृति को इस आदेश की तारीख से 6 महीने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया जाता है।’ यह कार्रवाई अकासा के प्रशिक्षण निदेशक कैप्टन सेवक सिंह खोसा की औपचारिक शिकायत के बाद की गई। खजूरिया द्वारा आयोजित एक जांच सत्र में व्यक्तिगत सुनवाई और व्यापक समीक्षा के निष्कर्षों के बाद यह कार्रवाई की गई।
नियामक ने खजूरिया द्वारा आयोजित प्रशिक्षु पायलट कैप्टन संजीव पंवार के कौशल परीक्षण के दौरान महत्त्वपूर्ण प्रक्रियागत अंतर पाया। उसने परीक्षण को ‘अमान्य’ घोषित कर दिया और एक टाइप-रेटेड फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर (एफओआई) की निगरानी में एक योग्य परीक्षक से पुनः परीक्षण कराने का निर्देश दिया। डीजीसीए ने कहा, ‘कैप्टन कुणाल खजूरिया को भविष्य में नियामकीय अनुपालन और मानकों का पालन करना होगा।’
अखबार ने पिछले महीने बताया था कि कर्मचारियों, मैंटेनेंस और हवाई अड्डे की बढ़ती लागत के साथ-साथ विदेशी मुद्रा नुकसान के कारण अकासा एयर का एकल शुद्ध घाटा वित्त वर्ष 2025 में 18.7 प्रतिशत बढ़कर 1,983 करोड़ रुपये हो गया।
इसके अलावा, पिछले कुछ महीनों में एयरलाइन में कई उच्च-स्तरीय अधिकारियों के जाने का सिलसिला देखा गया है। उपाध्यक्ष (इन-फ्लाइट सर्विसेज) अजीत भागचंदानी ने हाल में इस्तीफा दे दिया। मई में बिजनेस स्टैंडर्ड ने तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों- ऋषभ देव (प्रमुख, लॉन्गटर्म ऑपरेशंस ऐंड स्ट्रैटजी), अमोल माने (उपाध्यक्ष, विमान अधिग्रहण एवं लीजिंग) और विनीत मिश्र (उप महाप्रबंधक, कैटरिंग) के इस्तीफे या नोटिस-पीरियड के बारे में जानकारी दी थी।
बोइंग से डिलिवरी में विलंब के कारण अकासा के बेड़े का विस्तार भी धीमा पड़ गया। अगस्त 2022 में एयरलाइन की 36 साप्ताहिक उड़ानों से संख्या तेजी से बढ़कर जून 2023 तक 945 हो गई। हालांकि, उसके बाद के दो वर्षों में उसने केवल 125 और साप्ताहिक उड़ानें जोड़ी हैं, जो 13.2 प्रतिशत की मामूली वृद्धि है।