facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

गेहूं खरीद पिछले साल के पार; पंजाब और हरियाणा से सबसे ज्यादा मंगाए गए अनाज

1 अप्रैल से 22 मई तक के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय पूल में 262.9 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 261.6 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

Last Updated- May 24, 2024 | 10:26 PM IST
wheat

केंद्रीय पूल में गेहूं की खरीद पिछले साल के आंकड़े को पार कर गई है। पंजाब और हरियाणा में कुछ दिन पहले जोरदार खरीद के कारण इस सत्र में पहली बार पिछले साल से अधिक खरीदारी हुई है।

1 अप्रैल से 22 मई तक के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्रीय पूल में 262.9 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 261.6 लाख टन गेहूं खरीदा गया था।

प्रमुख मंडियों में आवक कम होने के साथ ज्यादातर विशेषज्ञों का कहना है कि इस सीजन में कुल खरीद 270 से 290 लाख टन के बीच रह सकती है, जो पिछले साल के 261.9 लाख टन से मामूली अधिक होगी। यह वित्त वर्ष 2025 के लिए 300 से 320 लाख टन खरीद के लक्ष्य की तुलना में बहुत कम है। इसका यह भी मतलब है कि लगातार तीसरे साल केंद्रीय पूल में भारत की आधिकारिक गेहूं खरीद लक्ष्य से कम रहेगी, जिसका इस्तेमाल गरीबों को अनाज देने के लिए किया जाता है।

खरीद में गिरावट की प्राथमिक वजह यह है कि किसान अपना उत्पाद ज्यादा दाम पर निजी खरीदारों को बेचना पसंद कर रहे हैं। गेहूं का स्टॉक उम्मीद से कम रहने पर कीमत बढ़ने की स्थिति में सरकार का हाथ बंधा रह सकता है और वह बाजार में प्रभावी तरीके से हस्तक्षेप नहीं कर पाएगी।

इस साल गेहूं खरीद में गिरावट की बड़ी वजह मध्य प्रदेश से कम खरीद है। मध्य प्रदेश से 80 लाख टन खरीदने का लक्ष्य था, जबकि करीब 48 लाख टन खरीदा गया है, जो पिछले साल हुई खरीद का करीब 33 प्रतिशत है।

ज्यादातर कारोबारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश में गेहूं की फसल अनुमान से कम है।

First Published - May 24, 2024 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट