उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में टमाटर किसानों की हालत बहुत खराब है। इस साल टमाटर की अच्छी पैदावार के बावजूद बाजार में कीमतों में भारी गिरावट से किसानों को बड़ा नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि टमाटर का भाव तीन से चार रुपये प्रति किलो तक गिर गया है, जबकि खेती पर लागत लगभग 14-15 रुपये प्रति किलो आ रही है।
किसान बताते हैं कि कई बार कीटनाशक लगाने के बावजूद खेतों में ‘सुंडी’ नामक रोग नहीं जा रहा है, जिससे फसल भी खराब हो रही है। मुरादाबाद के टमाटर किसान हरि ओम ने बताया कि उन्होंने 50 बीघे में टमाटर की खेती की, जिसमें छह-सात लाख रुपये खर्च हुए, लेकिन उन्हें मात्र एक-दो लाख रुपये का ही लाभ मिल रहा है।
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दूसरे किसान इंतेज़ार अहमद ने 10 एकड़ टमाटर की खेती बताई, जिनमें उन्हें लगभग 15-16 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि लगातार तीन वर्षों से टमाटर की फसल में नुकसान हो रहा है, जिसकी वजह मंदी और बाजारों तक पहुंच की कमी है।
राम स्वरूप ने बताया कि टमाटर की मंडियां ठप पड़ी हैं, बाहर लोडिंग बंद है और गर्मी के कारण फल भी ठीक से नहीं बन पा रहे। उनका कहना है कि टमाटर की खेती में प्रति बीघा 10,000 से 12,000 रुपये का खर्चा आता है, लेकिन लागत भी वापस नहीं मिल रही है।
सत्यपाल सिंह सैनी ने बताया कि किसान का जो खर्चा हुआ है, वह भी पूरा नहीं हो पा रहा है क्योंकि टमाटर की मांग मंदा है और बाहर लोडिंग नहीं हो पा रही।
किसान उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा करे, जिससे वे अपनी लागत वसूल सकें और फसल को नुकसान से बचा सकें। फिलहाल, बाजार में टमाटर की गुणवत्ता के आधार पर ही व्यापारी टमाटर खरीद रहे हैं, जिससे कई फसलें खराब हो रही हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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