facebookmetapixel
Tata Trusts: कार्यकाल खत्म होने से पहले वेणु श्रीनिवासन बने आजीवन ट्रस्टी, अब मेहली मिस्त्री पर टिकी निगाहेंMidwest IPO: 24 अक्टूबर को होगी लिस्टिंग, ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेत; GMP ₹100 पर पंहुचाUpcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों सेट्रंप ने दी दीपावली की बधाई, मोदी बोले – आपके कॉल के लिए धन्यवाद, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंआरबीआई बदल सकता है नियम, बैंक बिना पूर्व अनुमति बना सकेंगे सहायक कंपनियांप्रवासी भारतीयों ने कम भेजा धन, अप्रैल-जुलाई के दौरान घटकर 4.7 अरब डॉलरक्या मोदी जाएंगे कुआलालंपुर? पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सस्पेंस बरकरारउपेंद्र कुशवाहा बोले – नीतीश ही रहेंगे NDA का चेहरा, बिहार चुनाव में नेतृत्व को लेकर नहीं कोई मतभेदकोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ा

समय से पहले बारिश से प्याज की कीमतों में आग, मंडियों में घटी आवक; एक हफ्ते में ₹300 क्विंटल तक बढ़े दाम

समय से पहले पहुंचे मानसून ने प्याज की फसल और भंडारण दोनों को नुकसान पहुंचाया है। बारिश के चलते मंडियों में प्याज की आवक घट गई है, जिससे कीमतों में तेजी आई है।

Last Updated- May 27, 2025 | 7:09 PM IST
onion
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

समय से पहले आए मानसून का असर प्याज की कीमतों पर भी दिख रहा है। बारिश के कारण प्याज को नुकसान पहुंचा है। बारिश से प्याज की आवक भी प्रभावित हुई है। जिससे मंडियों में प्याज के भाव चढ़ने लगे हैं। इस बारिश ने किसानों और प्याज भंडारण करने वालों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि बारिश से भंडार गृहों में रखी प्याज ज्यादा खराब होने का खतरा है।

मंडियों में कितने बढ़े प्याज के भाव?

एक सप्ताह से मंडियों में प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। मुख्य उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की अहम मंडी लासलगांव में एक सप्ताह के दौरान प्याज के भाव 500-1,600 रुपये से बढ़कर 600-1,900 रुपये क्विंटल हो गए हैं। इस दौरान प्याज के मॉडल भाव (ज्यादातर बिक्री इसी भाव पर होती है) 1,150 रुपये से बढ़कर 1,350 रुपये क्विंटल हो गए हैं।

एक सप्ताह में दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज के भाव 500-1,375 रुपये से चढ़कर 500-1,550 रुपये क्विंटल हो चुके हैं। इस मंडी में प्याज की मॉडल कीमत 100 रुपये उछलकर 1,100 रुपये क्विंटल पर पहुंच गई है।

Also Read: Tur Procurement: तुअर किसानों को बड़ी राहत, MSP पर खरीद की डेडलाइन 28 मई तक बढ़ी

प्याज की कीमतों में क्यों आ रही है तेजी?

प्याज के भाव बढ़ने की वजह समय से पहले बारिश होना है। सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के किसान श्रीराम गाढवे ने बताया कि मानसून के समय से पहले दस्तक देने से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। इस समय खरीफ की प्याज के लिए खेतों को तैयार किया जा रहा है और कुछ खेतों में इसकी रुपाई भी हो चुकी है। ऐसे में बारिश होने से रुपाई वाली प्याज बह गई और तैयार खेत खराब हो गए हैं। प्याज को नुकसान की खबर से इसके दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं।

लासलगांव मंडी के प्याज के कारोबारी विजय बाफना ने कहा कि बारिश के कारण प्याज को नुकसान तो हुआ ही है। साथ ही इसकी मंडियों में आवक भी घटी है। जिससे एक सप्ताह में प्याज के भाव 300 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं।

बारिश ने मंडियों में घटाई प्याज की आवक

बारिश के कारण महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में इसकी आवक प्रभावित हुई है। कमोडिटी के भाव और आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के मुताबिक 13 से 20 मई के बीच देश भर की मंडियों में करीब 4.75 लाख टन प्याज की आवक हुई। बारिश के कारण इसके अगले सप्ताह यानी 20 से 27 मई के बीच यह घटकर 3.76 लाख टन रह गई। इस दौरान महाराष्ट्र में प्याज की आवक 1.55 लाख से घटकर 1.33 लाख, मध्य प्रदेश में 98 हजार से घटकर 50 हजार, दिल्ली में 59 हजार से घटकर करीब 11 हजार, गुजरात में 62 हजार से घटकर करीब 31 हजार और हरियाणा में 11,600 से घटकर 6,800 टन रह गई है।

Also Read: समय से पहले मानसून से फसलें बर्बाद, खरीफ सीजन पर मंडराया खतरा; आम-अनार से लेकर प्याज तक की उपज चौपट

बारिश ने किसानों को भी डाला मुसीबत में

समय से पहले बारिश ने किसानों को भी मुश्किल में डाल दिया है। महाराष्ट्र के प्याज किसान संतराम डोंगरे ने कहा कि भंडारण वाली प्याज को इस बारिश से काफी नुकसान हो सकता है क्योंकि बारिश के कारण नमी बढ़ेगी। जिससे प्याज तेजी से खराब हो सकता है। मध्य प्रदेश के प्याज किसान सुनील पाटीदार कहते हैं कि प्याज किसान पहले से मुश्किल में थे क्योंकि उन्हें इसकी लागत से भी कम कीमत मिल रही है। प्याज की लागत प्रति बीघा 50 हजार रुपये है, जबकि वर्तमान भाव पर किसानों को 40 हजार रुपये प्रति बीघा भी नहीं मिल पा रहे हैं। अब बारिश से भंडारगृहों में रखी प्याज को नुकसान होगा। ऐसे में किसानों की आमदनी घटने वाली है। जनवरी आखिर में बोई गई प्याज अभी भी खेतों में है। बारिश से इसको नुकसान हुआ है।

महाराष्ट्र के किसान भानुदास लेंडे ने बताया कि इस साल प्याज की पैदावार बंपर थी और नई फसल के समय भाव कम मिल रहे थे। इस वजह से किसानों ने आगे अच्छे भाव की उम्मीद में प्याज का भंडारण बिना ग्रेडिंग के किया था। ऐसे में अब बारिश से कमजोर गुणवत्ता वाली प्याज अच्छी गुणवत्ता वाली प्याज को जल्दी से खराब कर सकती है।

First Published - May 27, 2025 | 7:00 PM IST

संबंधित पोस्ट