अमेरिकी डॉलर/रुपये के एक महीने के कॉन्ट्रैक्ट का फॉरवर्ड प्रीमियम 35 आधार अंक कम हुआ है। वहीं 1 साल का फॉरवर्ड प्रीमियम 10 आधार अंक गिरकर 2.19 प्रतिशत हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 31 जनवरी को 6 महीने की अवधि के 5 अरब डॉलर के डॉलर/रुपया खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी की घोषणा के बाद यह गिरावट आई है।
बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि ट्रेडर्स ने नीलामी के नकदी पर पड़ने वाले अपेक्षित असर को देखते हुए अपनी पोजिशन समायोजित की है। वैश्विक स्तर पर जोखिम उठाने की कम क्षमता के कारण हाजिर बाजार में रुपये में गिरावट आई है। रुपया 0.2 प्रतिशत कमजोर होकर 86.53 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा व्यापार पर शुल्क लगाए जाने की चिंता का असर पड़ा है। इससे निवेशकों की धारणा पर बहुत ज्यादा असर पड़ा और ज्यादातर एशियाई मुद्राएं दबाव में रहीं। साथ ही वैश्विक बाजारों ने भी जोखिम के संकेत दिए, जिसका असर रुपये सहित उभरते बाजारों की परिसंपत्तियों पर पड़ा है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.34 पर बंद हुआ था।