वैश्विक स्तर पर पुराने सोने की खरीद 27 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2008 में 1200 टन पहुंच गई।
ऐसा स्थानीय और वैश्विक बाजारों में सोने की कीमतों में अंतर के चलते हुए। निवेशकों ने सोने की बढ़ी कीमतों का लाभ उठाते हुए पुराना सोना बेचकर मुनाफा कमाया।
जीएफएमएस के सर्वे में कहा गया है कि 2008 में बड़े पैमाने पर सोने की रिसाइक्लिंग होने की प्रमुख वजह यह है कि व्यक्तिगत रूप से लोगों ने बिकवाली कर मुनाफा कमाया। यहां तक कि खुदरा कारोबारियों और निर्माताओं ने भी न बिके हुए सोने के आभूषणों को गलाकर सोना बेचा और मुनाफा कमाया।
सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तुर्की में देखी गई। वहां पर स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई और अर्थव्यवस्था में मंदी का भी असर रहा, जिसकी वजह से 2008 में वहां सबसे ज्यादा पुराने आभूषणों को गलाया गया। अन्य देशों, जैसे भारत में भी कीमतों में बढ़ोतरी ही प्रमुख वजह रही, जिसके चलते पुराने सोने की रिसाइक्लिंग में बढ़ोतरी हुई।
जीएफएमएस के चेयरमैन फिलिप क्लापविज्क ने खुदरा निवेश के बारे में कहा कि सोने में निवेश को लेकर 2008 में नाटकीय बदलाव आया है। निवेश की प्रक्रिया में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव रहा, यहां पर कागजी भावों और हाजिर भावों में भी अंतर नजर आया। भौतिक बाजार में इसके उत्पादों में निवेश में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई।