facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

Railway Budget 2025: रेलवे को मिल सकते हैं 3 लाख करोड़, नॉन-एसी पैसेंजर ट्रेनों पर बड़े ऐलान की उम्मीद

Railway Budget 2025: सरकार इस बार भी रेलवे के लिए जीरो या मिनिमल बॉरोइंग प्लान अपनाने की संभावना जता रही है।

Last Updated- January 22, 2025 | 8:55 AM IST
Indian Railways
Representative Image

Railway Budget 2025: इस बार का केंद्रीय बजट रेलवे के लिए कई नई सौगातें लेकर आ सकता है। उम्मीद की जा रही है कि रेलवे मंत्रालय को 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में 2.9 लाख करोड़ रुपये से 3 लाख करोड़ रुपये तक का भारी-भरकम फंड मिलेगा। सरकार का यह कदम रेलवे की बुनियादी ढांचे में सुधार और आम यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में अहम साबित होगा। खास बात यह है कि गरीब और मिडिल क्लास यात्रियों के लिए नॉन-एसी ट्रेनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे हर वर्ग को सस्ते और आरामदायक सफर का लाभ मिल सके।

पिछले साल जून में पेश हुए पूरे बजट में रेलवे मंत्रालय को 2.65 लाख करोड़ रुपये का फंड मिला था, जिसमें से 2.52 लाख करोड़ रुपये सीधे केंद्र सरकार के फंड से आए थे।

सरकार इस बार भी रेलवे के लिए जीरो या मिनिमल बॉरोइंग प्लान अपनाने की संभावना जता रही है। आम तौर पर रेलवे अपनी फंडिंग के लिए इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) के जरिए बाजार से कर्ज लेती है।

रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने बजट एलोकेशन पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि मंत्रालय अगले फाइनेंशियल ईयर में भी कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ावा देगा, खासकर पैसेंजर सर्विसेज जैसे स्टेशन मॉडर्नाइजेशन और अमृत भारत ट्रेनों पर फोकस रहेगा।

यह भी पढ़ें: Budget 2025: सैलरीड क्लास को मिलेगी बड़ी राहत! ₹10 लाख तक इनकम हो सकती है टैक्स फ्री, आ सकता है 25% का नया स्लैब

2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार को इस बात की आलोचना झेलनी पड़ी थी कि उसने वंदे भारत जैसी प्रीमियम सर्विसेज पर ज्यादा ध्यान दिया और गरीब यात्रियों व स्लीपर कोच पर फोकस कम किया। इसके बाद से नॉन-एसी ट्रेनों को केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल किया गया है।

rail budget
Railway Budget 2025

मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने जानकारी दी कि अप्रैल से ही पूंजीगत खर्च (capital expenditure, CapEx) को तेजी से लागू करने के लिए मंत्रालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

5 जनवरी तक, मंत्रालय ने 2024-25 के लिए आवंटित 2.52 लाख करोड़ रुपये के कैपेक्स का 76 प्रतिशत खर्च कर लिया है। नई लाइनों, डबलिंग और विस्तार कार्यों के लिए आवंटित बजट में से 68 प्रतिशत यानी 81,713 करोड़ रुपये क्षमता बढ़ाने (capacity augmentation) पर खर्च किए गए हैं।

ट्रैक कंजेशन (track congestion) लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का मुख्य कारण है। ऐसे में मंत्रालय को वित्त मंत्रालय से निरंतर पूंजी सहायता की उम्मीद है, खासकर 2024 के अंतरिम बजट में 11 लाख करोड़ रुपये की मेगा कॉरिडोर (mega corridor) योजनाओं की घोषणा के बाद।

सुरक्षा से जुड़े कार्यों, जैसे लेवल क्रॉसिंग्स, ओवर और अंडर ब्रिज, ट्रैक रिन्यूअल्स (track renewals), ब्रिज और सिग्नलिंग पर 34,414 करोड़ रुपये के आवंटित बजट का 82 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें: Budget 2025: क्या इस साल के बजट में सरकार गिग वर्कर्स की सुरक्षा के लिए कुछ सोचेगी? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

दिसंबर तक रोलिंग स्टॉक पर 40,354 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जो इक्विपमेंट मॉडर्नाइजेशन के लिए आवंटित बजट का 79 प्रतिशत है। मंत्रालय को उम्मीद है कि हाईवे मंत्रालय को आक्रामक फंडिंग न मिलने के चलते रेलवे के बजट आवंटन में बढ़ोतरी हो सकती है।

जुपिटर वैगन्स के मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक लोहिया ने कहा, “पीएलआई स्कीम्स (PLI schemes) को रेल व्हील्स, एक्सल्स, एडवांस्ड बॉगीज और हाई-स्पीड पैसेंजर कोच कंपोनेंट्स जैसे क्षेत्रों में शामिल करना, साथ ही एक्सपोर्ट इंसेंटिव्स देना, इनोवेशन को बढ़ावा देगा और रेलवे का ग्लोबल फुटप्रिंट बढ़ाएगा। इसके अलावा, सरकार को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप्स को प्रोत्साहित करना चाहिए और कैपेसिटी एक्सपेंशन के लिए फाइनेंसिंग उपलब्ध करानी चाहिए, जिससे लंबे समय तक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा।”

First Published - January 22, 2025 | 8:55 AM IST

संबंधित पोस्ट