पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने अर्थव्यवस्था की आपूर्ति क्षेत्र को दिए जा रहे केंद्र के प्रोत्साहनों की आलोचना की, जबकि कोविड से प्रभावित व्यवस्था को मांग क्षेत्र में प्रोत्साहन दिए जाने की जरूरत है। वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार की इस नीतिगत गड़बड़ी को दूर किया जाए। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में मित्रा ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को इस मोड़ पर सेज लॉ पर भरोसा करने के बजाय कीनेसियन इकोनॉमिक्स का पालन करना चाहिए। ब्रिटिश अर्थशास्त्री जॉन मेनार्ड कीन्स की अवधारणा को कीनेसियन तरीका कहा जाता है, जो मंदी के दौर में कुल मांग में बढ़ोतरी किए जाने पर भरोसा करती है और मुक्त व्यापार अर्थव्यवस्था को खारिज करती है। वहीं दूसरी तरफ फ्रेंच अर्थशास्त्री ज्यां बैपटिस्ट से के सेज लॉ के मुताबिक आपूर्ति अपने आप मांग पैदा कर देती है। इस सिद्धांत के मुताबिक उत्पाद का उत्पादन अन्य उत्पादों के लिए मांग पैदा करता है। इस लॉ में कीनेस को खारिज किया गया है।
पिछले साल बजट के पहले राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक के लिए सीतारमण को धन्यवाद देते हुए मित्रा ने कहा, ‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा है कि आम लोगों के हाथों में नकदी देना उचित होगा, जिससे मांग को प्रोत्साहन मिल सके। इससे महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल सकेगी। ज्यादातर देशों ने यह नीति अपनाई है।’ बहरहाल केंद्र सरकार कॉर्पोरेट करों को कम करने जैसे कदम उठाकर आपूर्ति को प्रोत्साहित करने की कवायद कर रही है और कारोबारियों को कर्ज की सुविधा दे रही है।