Economic Survey 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 का इकनॉमिक सर्वे पेश कर दिया। आर्थिक सर्वे 2023-24 में देश की इकोनॉमी के 2024-25 में 6.5-7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
इकनॉमिक सर्वे में कहा गया कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू वृद्धि चालकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया। सर्वे के अनुसार, भारतीय फाइनेंशियल सेक्टर का आउटलुक उज्ज्वल रहेगा।
इकनॉमिक सर्वे 2024 की मुख्य बातें;
-इकॉनमी के 2024-25 में 6.5 से 7 प्रतिशत रहने का अनुमान।
-भू-राजनीतिक तनाव और उसका प्रभाव मौद्रिक नीति के रुख को कर सकता है प्रभावित।
-भारतीय वित्तीय क्षेत्र का आउटलुक उज्ज्वल।
-अनिश्चित वैश्विक आर्थिक प्रदर्शन के बावजूद घरेलू वृद्धि चालकों ने 2023-24 में आर्थिक वृद्धि को समर्थन दिया।
-स्वस्थ कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट निजी निवेश को और बढ़ावा मिलेगा।
-देश में विदेश में बसे भारतीयों ने 2024 के दौरान देश में 124 अरब डॉलर भेजे। 2025 में इसके 129 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान।
-भारत की ग्रोथ स्टोरी (Growth Story) में कैपिटल बाजार निभा रहा प्रमुख भूमिका।
क्या होता है इकनॉमिक सर्वे?
इकनॉमिक सर्वे (आर्थिक समीक्षा ) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा इकोनॉमिक सर्वे तैयार की जाती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है।
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इकनॉमिक सर्वे क्यों महत्वपूर्ण है?
इकनॉमिक सर्वे सरकार को देश की आर्थिक स्थिति की स्पष्ट तस्वीर पेश करने में मदद करता है। इस सर्वे में पिछले एक साल की आर्थिक गतिविधियों, रोजगार के आंकड़े, जीडीपी, बजट घाटा और मुद्रास्फीति जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होती हैं। यह सर्वे देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा तैयार किया जाता है और नीतिगत निर्णयों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है।
इकनॉमिक सर्वे को कौन तैयार करता है?
इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिवीजन द्वारा तैयार की जाती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में इसे बनाया जाता है। इस वर्ष, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की नेतृत्व वाली टीम ने इस इकनॉमिक सर्वे को तैयार किया है।
इकनॉमिक सर्वे का इतिहास
देश में पहली बार वित्त वर्ष 1950-51 में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था। शुरू से ही इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था। वर्ष 1964 के बाद इसे बजट से अलग कर दिया गया और तब से यह बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।