Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 (Union Budget 2025) की घोषणा से पहले, टेलीकॉम सेक्टर को उम्मीद है कि भारत में इंटरनेट सेवाओं और स्मार्टफोन की कीमतों में कमी की जाएगी। यह कदम देश के करोड़ों नागरिकों के लिए डिजिटल पहुंच को और मजबूत कर सकता है।
सरकार की बजट योजनाओं को लेकर टेलीकॉम सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स आशावादी हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार ऐसे नीतिगत कदम उठाए जाएंगे, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेंगे और ऑपरेशनल खर्चों को कम करेंगे।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के रिसर्च डायरेक्टर तरुण पाठक का मानना है कि भारत धीरे-धीरे मोबाइल फोन निर्माण के लिए ग्लोबल हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार ने कई सक्रिय कदम उठाए हैं, जैसे मोबाइल फोन कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी कम करना और ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स को भारत में अपने ऑपरेशंस शुरू करने या बढ़ाने के लिए इंसेंटिव स्कीम्स पेश करना।”
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आने वाले बजट 2025 से सबसे बड़ी उम्मीद टैक्स में कटौती को लेकर है, जो फिलहाल टेलीकॉम सेक्टर पर भारी बोझ डाल रहा है। इसमें आयात शुल्क (Import Duties), यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) और लाइसेंस फीस में कमी की मांग की जा रही है। अगर ऐसा हुआ, तो टेलीकॉम कंपनियों के पास इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए ज्यादा पूंजी उपलब्ध होगी। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को सस्ती सेवाओं के रूप में मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि बजट 2025 में आयात शुल्क (import duty) में और कटौती की उम्मीद है, जिससे विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। आयात शुल्क कम होने से उत्पादन लागत घटेगी और मोबाइल फोन जैसे स्मार्ट डिवाइस्स की कीमतें भी कम होंगी। इससे आम लोगों के लिए स्मार्टफोन खरीदना आसान हो सकता है।
मोबाइल फोन और टेलीकॉम उपकरणों के लोकल मैन्युफ़ैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समर्थन जारी रख सकती है। बजट में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट जैसे प्रोत्साहन दिए जाने की उम्मीद है, जिससे स्मार्टफोन के कंपोनेंट्स पर आयात लागत कम हो सकती है। पिछले बजट में भी इस दिशा में कदम उठाए गए थे, जब मोबाइल के जरूरी कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी 20% से घटाकर 15% कर दी गई थी। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला था।
CashKaro और EarnKaro की को-फाउंडर स्वाति भार्गव ने बताया, “वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल फोन, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (PCBA) और मोबाइल चार्जर्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को 20% से घटाकर 15% कर दिया था। इसका उद्देश्य स्मार्टफोन को अधिक किफायती बनाना और भारत को ग्लोबल स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करना था।”
उन्होंने कहा, “बजट 2025 से यह उम्मीद है कि सरकार इस रफ्तार को बनाए रखते हुए ऐसे कदम उठाएगी, जो स्मार्टफोन और इंटरनेट सेवाओं की लागत को और कम करें। इसमें मैन्युफैक्चरर्स के लिए अतिरिक्त टैक्स इंसेंटिव, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए सब्सिडी और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं। ऐसे कदम न केवल डिजिटल पहुंच को बढ़ाएंगे, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देंगे और भारत के डिजिटल सशक्त समाज के विजन को समर्थन देंगे।”
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आगामी बजट में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए बड़ी राशि आवंटित होने की उम्मीद है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी की चुनौती को दूर करने के लिए निवेश किया जाएगा। भारतनेट (BharatNet) जैसी परियोजनाओं के जरिए सभी ग्राम पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंचाने की योजना है। यह देशभर में इंटरनेट पहुंच बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी कदम है।
2024 के यूनियन बजट में संचार मंत्रालय को कुल 1.28 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इसमें दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं का प्रावधान शामिल था। भारतनेट जैसी परियोजनाओं और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को मुआवजे के लिए राशि आवंटित की गई थी, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।
सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक नतीजे भी सामने आए हैं। इंटरनेट की लागत में कमी और स्मार्टफोन अपनाने की दर में बढ़ोतरी इसका बड़ा उदाहरण है।
2025 की शुरुआत तक, भारत में करीब 1.2 अरब लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरनेट सेवाओं की घटती कीमतों ने इस बढ़ोतरी में अहम भूमिका निभाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2016 से अब तक मोबाइल डेटा की कीमतों में 90 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है। इसकी वजह से लोग आसानी से ऑनलाइन सेवाओं और कंटेंट का इस्तेमाल कर पा रहे हैं।
सस्ते डेटा प्लान के चलते स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कम कीमत वाले डेटा प्लान और लोकल मैन्युफैक्चरर्स के किफायती स्मार्टफोन ने डिजिटल विकास के लिए मजबूत आधार तैयार किया है।
केंद्रीय बजट 2025 से उम्मीद है कि यह इंटरनेट और स्मार्टफोन को और सस्ता बनाएगा। सरकार रणनीतिक टैक्स सुधारों, स्थानीय निर्माण को समर्थन और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश के जरिए लाखों भारतीयों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ने की योजना बना रही है।
जानकारों का मानना है कि इन कदमों से न केवल कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि अर्थव्यवस्था के कई सेक्टर्स में तेजी भी आएगी। बजट घोषणा से पहले देशभर में इस डिजिटल बदलाव को लेकर सकारात्मक माहौल देखा जा रहा है।