सरकार के खजाने में आने वाले प्रत्येक एक रुपये में 58 पैसा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स से आएगा। इसके अलावा 34 पैसा लोन और अन्य टैक्स से आएगा। बजट 2023-24 के अनुसार, डिसइनवेस्टमेंट जैसे नॉन-टैक्स रेवेन्यू से छह पैसे और नॉन-लोन कैपिटल रिसिप्ट से दो पैसे मिलेंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश बजट के अनुसार माल एवं सेवा कर (GST) का सरकार की आमदनी में प्रति एक रुपये के मुकाबले 17 पैसे का योगदान होगा।
कॉरपोरेट टैक्स से 15 पैसे, सात पैसे एक्ससाइज ड्यूटी से मिलेंगे
इसके अलावा कॉरपोरेट टैक्स से 15 पैसे मिलेंगे। सरकार हर रुपये में सात पैसे एक्ससाइज ड्यूटी से और चार पैसे कस्टम ड्यूटी से हासिल करेगी। उसे इनकम टैक्स से 15 पैसे मिलेंगे।
सरकार के खर्च की बात करें तो सबसे बड़ा हिस्सा लिए गए लोन पर इंटरस्ट का है। सरकार प्रत्येक एक रुपये के खर्च में 20 पैसे इंटरस्ट चुकाने के लिए खर्च करती है।
इसके बाद टैक्स और शुल्कों में राज्यों का 18 पैसे का हिस्सा है। रक्षा के लिए आवंटन आठ पैसे है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं पर खर्च प्रत्येक रुपये में 17 पैसे होगा, जबकि केंद्र द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए नौ पैसे का आवंटन किया गया है। सब्सिडी और पेंशन पर क्रमशः नौ पैसे और चार पैसे खर्च होंगे।