राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को सरकार को निर्णायक बताते हुए कहा कि कोई भी निर्णय नीतिगत पंगुता का शिकार नहीं हुआ।
उन्होंने संसद के बजट अधिवेशन के पहले दिन संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अमृत काल यानी अगले 25 साल में जब भारत आजादी के 100 साल पूरे करेगा तब गरीबी नहीं होगी और मध्यवर्ग खुशहाल तथा संतुष्ट होगा।
राष्ट्रपति ने 2004-2009 के कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल की तुलना सभी पैमाने पर 2014-2022 की नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली राजग सरकार की अवधि से की।
उन्होंने इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का जिक्र नहीं किया। राष्ट्रपति का भाषण सरकार तैयार करती है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘मेरी सरकार ने राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि माना है और आवश्यक नीतियों एवं रणनीतियों को पूरी तरह बदलने की इच्छाशक्ति दिखाई है। सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आंतकवाद पर सख्ती के कारण एलओसी से लेकर एलएसी पर किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने, अनुच्छेद -370 से लेकर तीन तलाक के खात्मे तक मेरी सरकार एक निर्णायक सरकार साबित हुई है।’
मुर्मू ने कहा, ‘आज एक ईमानदार करदाता सरकार से शॉर्टकट की राजनीति का खात्मा चाहता है। वह चाहता है कि सरकार समस्याओं के स्थायी समाधान और आम नागरिक को सशक्त करने के लिए योजना बनाए। इसलिए, मेरी सरकार ने मौजूदा चुनौतियों से निपटने के दौरान देशवासियों को सशक्त करने पर जोर दिया है।’
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले नौ वर्षों की एक सबसे बड़ी उपलब्धि यह तथ्य भी है कि पहले भारत अपनी अधिकतर समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों की ओर देखता था लेकिन आज यह दुनिया की तमाम समस्याओं का समाधान प्रदान कर रहा है।
पिछले नौ वर्षों में एक अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार हुआ है, उन लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंची हैं जो सदियों से वंचित थे। भारत का डिजिटल नेटवर्क विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण बन गया और सरकार में भ्रष्टाचार और घोटाले की बात अब पुरानी हो चुकी है।
राष्ट्रपति ने बताया कि इन्हीं कारणों से भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई जो पहले 10वें पायदान पर था। भ्रष्टाचार कम हुआ है और सरकारी खरीद प्रणाली ऑनलाइन हो गई है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘अब तक 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम पूरी पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों तक पहुंची है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रकार की योजनाओं और व्यवस्थाओं के कारण भारत करोड़ों लोगों को कोविड वैश्विक महामारी के दौरान गरीबी रेखा से नीचे जाने से बचाने में सफल रहा।’
यह बताते हुए कि बीमारी गरीबी का एक प्रमुख कारण है, राष्ट्रपति ने कहा कि निम्न आय वर्ग के परिवारों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत योजना और सब्सिडी वाली दवाओं के लिए जन औषधि केंद्र योजना ने मिलकर भारतीयों को एक लाख करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त करने में मदद की है।
मुर्मू ने कहा कि पानी और मुफ्त आवास की व्यवस्था से भारतीयों का आत्मविश्वास बढ़ा है। मुफ्त खाद्यान्न योजना (पीएम गरीब कल्याण योजना) तकनीक की मदद से एक पारदर्शी तंत्र पर बनाई गई थी और इसने हर लाभार्थी को खाद्यान्न की पूरी डिलिवरी सुनिश्चित की है। सरकार अब वंचित समुदायों यानी दलितों और आदिवासियों पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके। इसी तरह सरकार कई पैमानों पर पिछड़े 100 जिलों को सशक्त बनाने का काम कर रही है।