सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं को प्रभावित करने वाली योजनाओं के लिए खर्च किया जाएगा। इस बार महिलाओं के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक बजट अलॉट किया गया है।
जेंडर बजट डॉक्यूमेंट के आंकड़ों के अनुसार, इस बार कुल खर्च का 5 फीसदी हिस्सा महिलाओं से संबंधित योजनाओं के लिए अलॉट किया गया है। बजट अनुमान के अनुसार पिछले वर्ष यह आंकड़ा 4.3 फीसदी था।
सीतारमण के कार्यकाल में औसत जेंडर बजट कुल खर्च का 4.6 फीसदी रहा
भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020 से इस पद पर नियुक्त हैं। बजट अनुमान के अनुसार उनके कार्यकाल में औसत जेंडर बजट कुल खर्च का 4.6 फीसदी रहा है। जबकि उनके पहले 15 वर्षों का औसत जेंडर बजट 4.9 फीसदी रहा था।
कुछ वर्षों में ऐसा भी देखा गया है कि जेंडर संबंधित एक्सपेंस अनुमानित बजट से कहीं ज्यादा था। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2021 में यह खर्च 6 फीसदी था जबकि अनुमानित बजट 4.7 फीसदी था।
जेंडर बजट पहली बार 2005-06 में प्रस्तावित किया गया था। इस बजट में यह माना गया कि सामाजिक दबाव और कई अन्य कारणों की वजह से शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे कई ऐसे मामलों में महिलाएं पिछड़ती जा रही हैं। जेंडर बजट में उन क्षेत्रों के लिए आवंटन किए जाते हैं जिससे महिलाओं से जुड़ी इन चिंताओं से निपटा जा सके।
इसमें दो भाग होते हैं, पहला भाग उन योजनाओं के लिए होता है जो पूरी तरह से महिलाओं से संबंधित हैं। दूसरे भाग के अंतर्गत वे योजनाएं आती हैं जिसमें कम से कम 30 फीसदी हिस्सा महिलाओं के लिए होता है।
पिछले बजट डॉक्यूमेंट में कहा गया था कि जेंडर बजट को इस तर्क के आधार पर लाया गया कि राष्ट्रीय बजट विभिन्न माध्यमों से समाज के एक वर्ग को प्रभावित करता है, भले ही संसाधनों का आवंटन और प्राथमिकता प्रतिस्पर्धात्मक क्षेत्र से प्रदान किया गए हों।
जेंडर बजट लाने का उद्देश्य लिंग के दृष्टिकोण से खर्च और जनसेवा की निगरानी रखना है ताकि सभी गतिविधियों में महिलाओं की चिंताओं को मुख्यधारा में लाने और सार्वजनिक संसाधनों तक उनकी पहुंच में सुधार के साधन उपलब्ध कराए जा सकें।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 54,587 करोड़ रुपये आवंटित
जेडर बजट के तहत सबसे बड़ी योजना ग्रामीण आवास (प्रधानमंत्री आवास योजना) है, जिसके लिए 54,587 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को भी जेंडर बजट में शामिल कर लिया है। इस योजना के लिए 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है।
जेंडर बजट के अंतर्गत अन्य योजनाओं में सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण, गर्भवती महिला बाल स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ीकरण के मजबूत कोष के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन, समग्र शिक्षा योजना, महिला सशक्तीकरण के लिए सामर्थ्य योजना और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) शामिल हैं। इन पांचों योजनाओं के लिए करीब 45,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।