इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री लगातार फर्राटा भर रही है। जुलाई में रिकार्ड 27.9 फीसदी बढ़कर 1,78,948 वाहनों की बिक्री हुई। यह इस वित्त वर्ष में सर्वाधिक मासिक बिक्री है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन आंकड़ों के मुताबिक जून में बिकी कुल 1,39,905 इलेक्ट्रिक गाड़ियों के मुकाबले जुलाई में 27.9 फीसदी अधिक वाहन बिके। जुलाई में हुई दमदार बिक्री से इस साल के शुरुआती सात महीनों में कुल 10,75,069 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है।
इससे पहले पिछले साल मई में रिकॉर्ड 1,58,470 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी और उसके बाद इस साल मार्च में सर्वाधिक 2,13,036 गाड़ियां बिकी थीं। जुलाई की बिक्री के ये आंकड़े पिछले साल जुलाई में बिके 1,16,621 वाहनों की तुलना में 53.5 फीसदी अधिक की वृद्धि दर्शाते हैं।
विशेषज्ञ में बिक्री में इस भारी वृद्धि के कई कारण बताते हैं। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में यह तेजी इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन योजना (ईएमपीएस) 2024 के समाप्त होने से पहले और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) द्वारा वाहनों पर छूट के कारण भी है। इन कारणों ने ग्राहकों की दिलचस्पी और बाजार की गति को रफ्तार दी है।
एनआरआई कंसल्टिंग ऐंड सॉल्यूशंस के केस एवं वैकल्पिक वाहन विशेषज्ञ प्रीतेश सिंह ने कहा, ’31 जुलाई ईएमपीएस 2024 समाप्त होने और मूल उपकरण विनिर्माताओं से छूट का लाभ लेने की आखिरी तारीख थी। इसलिए भी ग्राहकों ने खरीदारी में तेजी दिखाई।’ क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि जुलाई में ईवी उद्योग में रिकॉर्ड बिक्री से साल के शेष महीनों के लिए सकारात्मक असर दिखता है जो ग्राहकों की बढ़ती रुचि और बाजार के रणनीतिक प्रोत्साहन को दर्शाता है।
मगर इस साल तीन महीने ऐसे भी रहे जब इलेक्ट्रिक वाहनों की मासिक बिक्री में एक माह पहले की तुलना में गिरावट आई। जनवरी की तुलना में फरवरी में मामूली रूप से 2.3 फीसदी की गिरावट आई। मई के मुकाबले जून में 0.5 फीसदी कम इलेक्ट्रिक वाहन बिके। सबसे बड़ी गिरावट अप्रैल में दर्ज की गई थी जब मार्च की तुलना में सर्वाधिक 45.6 फीसदी कम इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई। इस कारण उस महीने साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई।