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लेखक : अजय शाह

आज का अखबार, लेख

नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के लिए बिजली क्षेत्र में सधी रणनीति की जरूरत

कार्बन (जीवाश्म ईंधन) का युग समाप्त होने को है। अब हम इस बात पर चर्चा कर सकते हैं कि भारत में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कब बंद होगा। परंतु वर्ष 2070 तक विशुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना है तो वर्ष 2050 तक कार्बन रहित ऊर्जा तंत्र मजबूती से खड़ा करना होगा। एक […]

आज का अखबार, लेख

सरकारी कार्यक्रमों का रोजगार पर सीमित प्रभाव

बजट घोषणाओं में श्रम बाजार को ध्यान में रखकर अनेक तत्त्व शामिल किए गए हैं और यह वास्तव में भारत में एक बड़ी चिंता का विषय है। कुछ नई घोषणाएं मध्यम अवधि में निराश करने वाली हो सकती हैं। उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं यानी पीएलआई से हम जानते हैं कि भारत इतना बड़ा देश […]

आज का अखबार, लेख

नीट जैसी समस्याओं की गहरी हो पड़ताल

देश में नीट को लेकर मचे हो हल्ले के बीच ध्यान देने वाली बात यह है कि हमें सिर्फ तात्कालिक लक्षणों का समाधान नहीं करना चाहिए। बता रहे हैं अजय शाह और विजय केलकर राष्ट्रीय अर्हता सह पात्रता परीक्षा (NEET) के संचालन में नाकामी ने काफी नाराजगी पैदा की है। यह सोचना संभव है कि […]

आज का अखबार, लेख

चीन से होने वाले आयात के विरुद्ध व्यापार अवरोध

भारत पड़ोसी देश चीन (China) से आयात में सतर्कता बरते और शेष विश्व के साथ कारोबारी समायोजन बढ़ाए। सुझाव दे रहे हैं अजय शाह और इला पटनायक ऑटार्की यानी आम जन की सीमा पार गतिविधियों में सरकारी हस्तक्षेप के विपरीत परिणामों की पूरी समझ अर्थशास्त्र में पेशेवर दक्षता की पहचान है। परंतु आज पूरी दुनिया […]

आज का अखबार, लेख

संगठनात्मक सुधार से ऊर्जा संक्रमण के मिलेंगे परिणाम

केंद्र सरकार में संगठनात्मक स्तर पर सुधार से सरकारी कामकाज अधिक सक्षम एवं प्रभावी ढंग से हो पाएंगे। बता रहे हैं अजय शाह और अक्षय जेटली सं शयवादी भारत में सरकार के भारी भरकम आकार पर लंबे समय से टीका-टिप्पणी करते रहे हैं। उनके अनुसार केंद्र सरकार का आकार 15 मंत्रियों एवं रायसीना हिल (राष्ट्रपति […]

आज का अखबार, लेख

बिजली सब्सिडी देने के तरीके में हो रहा सुधार

नीति निर्धारक बिजली सब्सिडी देने में अधिक पारदर्शिता बरतने लगे हैं। सरकारी खजाने से इस मद में दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान अब पहले की तुलना में काफी स्पष्ट एवं पारदर्शी हो गया है। यह बदलाव बिजली क्षेत्र की परंपरागत समस्याओं के निदान के लिए महत्त्वपूर्ण विकल्पों को बढ़ावा दे रहा है। इस क्षेत्र […]

आज का अखबार, लेख

अर्थव्यवस्था के लिए सही लचीली विनिमय दर

अर्थव्यवस्था को स्थिर और मजबूत बनाए रखने में लचीली विनिमय दर की अहम भूमिका होती है जो झटकों को बरदाश्त करने की काबिलियत रखती हो। बता रहे हैं अजय शाह विनिमय दर का लचीलापन झटके को बरदाश्त करने में मददगार होता है। जब बाहरी या आंतरिक झटके लगते हैं तो इसका कुछ बोझ लचीली विनिमय […]

आज का अखबार, लेख

संपत्ति और विरासत पर कर लगाना सही विचार नहीं…

देश में इस समय यह लोकलुभावन मांग जोरों पर हैं अमीरों से संपत्ति छीनकर उसे गरीबों में बांट दिया जाए। यह रास्ता निरंतर गरीबी और आर्थिक नाकामी की ओर ले जाता है। इन दिनों संपत्ति कर और विरासत कर के रूप में जिन दो विषयों पर चर्चा की जा रही है वे सार्वजनिक वित्त के […]

आज का अखबार, लेख

राजनीतिक कारोबारी चक्र के अलग-अलग मार्ग

चुनावी साल में वृहद आर्थिकी को लेकर हमारे विचार किस तरह बदलते हैं? सार्वजनिक चयन सिद्धांत कहता है कि राज्य लोगों से मिलकर बनता है और उनके हितों को अधिकतम तौर पर पूरा करने का प्रयास करता है। चुनाव राजनेताओं के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। ‘राजनीतिक कारोबारी चक्र’ का विचार चुनाव के पहले और […]

आज का अखबार, लेख

मुश्किल वैश्विक हालात में कंपनियों की बढ़ती चुनौतियां

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी, श्रम और विचारों के आदान-प्रदान पर पाबंदी में ढील उच्च आर्थिक वृद्धि का प्रमुख स्रोत थी। परंतु, इस समय चार ऐसी बातें या चुनौतियां हैं जो इस वैश्विक अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचा रही हैं। दुनिया के देशों के बीच जुड़ाव एवं संपर्क बढ़ने से […]

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