चीन की ओर झुकाव भारत के लिए उपयोगी नहीं, कमजोर होगा देश का डेमोक्रेटिक डिविडेंड
कई वर्षों से भारत और चीन के बीच के रिश्तों में बर्फ जमी है और टकराव होता रहा है। डोकलाम और गलवान में सीमा पर हुई हिंसा के बाद आर्थिक संबंधों को लेकर भारत का रुख यही रहा है कि सीमा पर शांति की शर्त पर ही आर्थिक सहयोग संभव है। सितंबर 2021 में रूपा […]
बेहतर जीएसटी की ओर: नए सुधार अहम, लेकिन और कदम जरूरी
देश के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर बहस तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक चार बिंदुओं वाली आलोचना में कहा है: मौजूदा व्यवस्था बहुत अधिक जटिल है और इसकी वजह कई दरों का होना है, यह एमएसएमई को हतोत्साहित कर रही है, राजकोषीय संघवाद को क्षति पहुंचा रही है […]
बढ़ते डिजिटल फर्जीवाड़े से निपटने के लिए भारत को व्यापक रणनीति की जरूरत
भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ने और लोगों को लेनदेन में सहूलियत होने के साथ कई चुनौतियां भी सामने आई हैं। इनमें आपराधिक गतिविधियां बढ़ने से लेकर ऋण देने का दावा करने वाले अवैध मोबाइल ऐप्लिकेशन और ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी वारदात शामिल हैं। अलग-अलग मामले कभी-कभी जांच एवं अभियोजन से हल हो जाते हैं […]
मुंबई की ट्रिलियन-डॉलर की रियल एस्टेट अब वास्तविक जलवायु जोखिम की चपेट में
कार्बन उत्सर्जन कम करने को लेकर दुनिया के नीतिगत काम में धीमापन आया है। खासकर अमेरिका में 2016 में डॉनल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के समय से और फिर 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यह हुआ। अब उत्सर्जन को लेकर परिदृश्य और भी चुनौतीपूर्ण है। हम सभी को अब मध्यम से […]
China+1 में अड़चन? कितनी कारगर होगी Apple और Foxconn के खिलाफ चीनी कार्रवाइयाँ
ताइवान की कंपनी दुनिया भर के लिए उत्पाद बनाने का काम भारत में करने जा रही है मगर चीन की सरकार उसकी इन कोशिशों में अड़चन डालने लगी है। वास्तव में इससे चीन का दमखम नहीं बल्कि कमजोरी नजर आती है। हालांकि चीन की सरकार को लग रहा है कि उच्च कौशल वाली गतिविधियों को […]
महान नेतृत्व की असली पहचान, अहंकार और राष्ट्रवाद से ऊपर उठें
हममें से अधिकांश लोग सरकारों को लेकर एक हल्के संशय के शिकार रहते हैं। हम सत्ता प्रतिष्ठान से उम्मीद करते हैं कि वह गर्व और राष्ट्रवाद के मिश्रण के साथ काम करेगा। ऐसे में यकीनन हम सोचते हैं कि ईरान की सरकार जवाबी कार्रवाई करेगी और वह इजरायल की सैन्य शक्ति का मुकाबला करने का […]
भारत के लिए खुल रहे संभावनाओं के द्वार
वृहद आर्थिक नीति दो प्रमुख विषयों के इर्द-गिर्द घूम रही है। इनमें पहला विषय दीर्घ अवधि से लगातार निजी निवेश में सुस्ती से जुड़ी समस्या है और दूसरा विषय वैश्विक अर्थव्यवस्था की सराहनीय प्रगति और इसमें भारत के भविष्य के लिए दिख रही बेहतर संभावना है। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत दरों में कटौती […]
भुगतान गतिविधि का बेहतर नियमन जरूरी
राज्य क्षमता निर्माण के सफर की बात करें तो एक खास किस्म के ज्ञान की आवश्यकता होती है और वह है ‘एजेंसी आर्किटेक्चर’। सरकार कई संगठनों से मिलकर बनती है और प्रत्येक संगठन की भूमिका को सावधानीपूर्वक तैयार करने की आवश्यकता होती है। किसी अधिकारी की सामान्य भावना जहां यह होती है कि शक्ति और […]
सरकारी खरीद में सुधार के करने होंगे प्रयास
भारत हर वर्ष तकरीबन 60 लाख करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करता है जो उसके सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का लगभग 15-20 फीसदी होता है। सरकारी खरीद कैसे की जाती है यह सार्वजनिक वित्त की केंद्रीय चिंता होनी चाहिए। इसके बावजूद अक्सर देश में सरकारी खरीद के अनुबंधों को राजनीतिक […]
चीन की कमजोरी अच्छा संकेत नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के ‘लिबरेशन डे’ की घोषणा के बाद से पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय संबंधों और आर्थिक शासन को लेकर चर्चाओं में व्यस्त है। अमेरिका ने जो टैरिफ लगाया है और चीन ने जो जवाबी टैरिफ लगाया उसके चलते दोनों देशों के बीच कारोबारी जंग के हालात बन गए और बाकी दुनिया के देशों […]