भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को सभी विनियमित इकाइयों (RE) को कर्ज देने के तरीके की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें ऋण जारी करने से लेकर ब्याज व अन्य शुल्क लगाया जाना शामिल है। पारदर्शिता और और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक ने यह कदम उठाया है।
नियामक ने यह भी कहा है कि इकाइयां सिस्टम के स्तर पर बदलाव सहित सुधारात्मक कदम उठाएं। रिजर्व बैंक द्वारा इन संस्थाओं के स्थलीय निरीक्षण के बाद यह निर्देश जारी किया गया है, जिसमें कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां ऋणदाता ने ब्याज वसूलते समय अनुचित तौर तरीकों का सहारा लिया। यह जांच 31 मार्च, 2024 को समाप्त हुई थी।
बैंकिंग नियामक ने पाया कि अनुचित गतिविधियों में ऋण जारी करने की तिथि से कर्ज पर ब्याज लिया जाना शामिल है।
यहां तक कि चेक से ऋण जारी किए जाने पर भी ऐसे मामले सामने आए, जब उस तिथि से ब्याज लिया जाने लगा, जिस तिथि को चेक में दिखाया गया है, न कि उस तिथि से लिया गया, जब कर्ज लेने वाले को चेक सौंपा गया।