facebookmetapixel
Waaree Energies के शेयरों में अमेरिका की जांच के चलते 7 फीसदी की भारी गिरावटSME IPO का पहले दिन का जोश ठंडा, 37 फीसदी कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से नीचे बंदसभी तटीय बंदरगाहों को जोड़ने के लिए 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश: नितिन गडकरीछह दशक की सेवा के बाद मिग-21 ने भरी अपनी अंतिम उड़ान, भारतीय आकाश में हुई भव्य विदाईIndian IT Stocks: एक्सेंचर के सतर्क अनुमान ने भारतीय आईटी शेयरों में अल्पकालिक चिंता बढ़ाईGST अधिकारियों ने देशभर के होटलों पर रेस्टोरेंट सेवाओं में कम कर भुगतान पर कसा शिकंजाPM मोदी ने बिहार की महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद के साथ सशक्त बनाने का किया ऐलानसरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में 6.77 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बनाईBSNL का मुनाफा ₹5,000 करोड़ के पार, पिछले वित्त वर्ष से ₹2,300 करोड़ ज्यादा: ज्योतिरादित्य सिंधियाSC ने JSW स्टील की ₹19,700 करोड़ की समाधान योजना को दी मंजूरी, हजारों नौकरियों को मिला सहारा

साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीकृत साइबर सुरक्षा प्राधिकरण की सिफारिश

समिति ने बड़ी तकनीकी एवं दूरसंचार कंपनियों सहित थर्ड-पार्टी सेवाएं देने वाली इकाइयों के नियमन का भी सुझाव दिया है।

Last Updated- July 27, 2023 | 10:31 PM IST
Cyber Crime

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने एक केंद्रीकृत एवं सशक्त साइबर सुरक्षा प्राधिकरण (cyber security authority) गठित करने का सुझाव दिया है। समिति ने कहा कि साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर विशेष रूप से वित्तीय सेवा ढांचे के लिए एक संस्था गठित करने की सिफारिश की है।

जयंत सिन्हा इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति की यह सिफारिश औद्योगिक समूहों, कंपनियों एवं बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई विस्तृत चर्चा पर आधारित है। इस विषय पर आरबीआई, एनपीसीएल, सर्ट-इन, रेजरपे, फ्लिपकार्ट सहित अन्य इकाइयों से भी उनकी प्रतिक्रिया ली गई थीं।

समिति ने डिजिटल माध्यम से ऋण देने वाली इकाइयों और अन्य वित्तीय मध्यस्थों के लिए एक व्हाइट-लिस्टिंग फ्रेमवर्क (स्वीकार्य ई-मेल एड्रेस, आईपी एड्रेस, डोमेन नेम ऐंड ऐप्लिकेशन) की भी सिफारिश की है।

समिति के अनुसार इस उपाय से अनुचित व्यवहारों को रोकने में मदद मिलेगी और डिजिटल माध्यम वाले उधारी खंड में एक मानक संहिता बहाल करने में आसानी होगी।

समिति के अनुसार व्हाइट-लिस्टिंग फ्रेमवर्क क्रियान्वित करने से डिजिटल लेंडिंग ऐप (डीएलए) पर पैनी नजर रख कर नियमों का अनुपालन कराने एवं पारदर्शिता बहाल करने में मदद मिलेगी। समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ऐसा करने से बाजार से फर्जी एवं अवैध डीएलए बाहर हो जाएंगे जिससे कर्जधारक ऐसे ऐप के झांसे और अन्य अनुचित गतिविधियों का शिकार होने से बच जाएंगे।’

समिति ने बड़ी तकनीकी एवं दूरसंचार कंपनियों सहित थर्ड-पार्टी सेवाएं देने वाली इकाइयों के नियमन का भी सुझाव दिया है। समिति ने ऐप स्टोर- ऐपल स्टोर और गूगल प्ले स्टोर- को सुरक्षा जांच-पड़ताल के लिए संबंधित अधिकारियों को सभी ऐप से जुड़ी पूरी जानकारियां उपलब्ध कराने की भी सलाह दी है।

समिति ने कहा, ‘जानकारियां इकट्ठी होने के बात नियामकों को गहराई से जांच करने, संभावित सुरक्षा चूक और इनसे निपटने के लिए डिजिटल खंड में उपयुक्त उपाय करने में मदद मिलेगी।’ साइबर हमले की बढ़ती घटनाओं और इन्हें रोकने के तरीके ईजाद करने के लिए वित्त पर इस स्थायी समिति का गठन हुआ था।

First Published - July 27, 2023 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट