देश के कई हिस्सों में भारी बारिश (Rain) से जान-माल को नुकसान होने के साथ ही देश में कारोबार पर भी बुरा असर पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से देश के उत्तरी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है।
इस बीच भारी बारिश के बीच दिल्ली में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी सब्जियों के दाम में भारी इजाफा हुआ है। कारोबारियों का कहना है कि बारिश थमने से पहले कीमतों में कमी आने की बिल्कुल उम्मीद नहीं है क्योंकि सड़कें बंद हैं और खेत-खलिहानों और मैदान पानी से लबालब हैं।
कई जगह ट्रक चालक आसपास के इलाकों में ही सब्जियां उतार कर बेच रहे
आजादपुर एपीएमसी के पूर्व सदस्य एवं सब्जी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अनिल मल्होत्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में खेतों में लगी सब्जियां डूब गई हैं।
इससे बाजार में आपूर्ति कम हो गई है जिससे दाम काफी बढ़ गए हैं। सोनीपत, पानीपत जैसे इलाकों से भी सब्जियां बाजार में नहीं आ रही हैं। कई जगह ट्रक चालक आसपास के इलाकों में ही सब्जियां उतार कर बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले केवल टमाटर की कीमतें बढ़ी थीं मगर पिछले कुछ दिनों में लगभग सभी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्जियों के दाम में भारी तेजी और खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचने से खुदरा खाद्य महंगाई पर असर हुआ होगा। मई में यह कई महीनों के निचले स्तर 2.9 प्रतिशत पर आ गई थी।
मैच्योर फार्म में प्रमुख, फार्म बिजनेस, तुषार त्रिवेदी कहते हैं कि भारी बारिश से सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है। इसके अलावा फसलों को हुए नुकसान और आपूर्त में बाधा आने से भी हालात सभी लिहाज से प्रतिकूल हो गए हैं। अगर कीमतें जल्द नीचे नहीं आई तो महंगाई दर में बढ़ोतरी होनी तय है।
क्रेड्यूस के एमडी एवं संस्थापक शैलेंद्र सिंह ने कहा कि अगर सब्जियों के दाम में इसी तरह बढ़ोतरी जारी रही तो लोग अपने खर्च पर लगाम लगा सकते हैं। क्रेड्यूस कार्बन कम करने की दिशा में काम करने वाली स्टार्टअप इकाई है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार खर्चों में कमी का सिलसिला शायद शुरू हो भी गया होगा। इस सर्वेक्षण में भाग लेने लगभग 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने टमाटर का उपभोग कम कर दिया है।
दलहन की महंगाई दर अगले 6-7 महीनों के लिए रह सकती है और ऊंचे स्तरों पर
सात प्रतिशत लोगों ने कहा कि कीमतों के उछलने के साथ ही उन्होंने इसकी खरीदारी बंद कर दी थी। क्रिसिल के एक सर्वेक्षण के अनुसार दलहन की महंगाई दर अगले 6-7 महीनों के लिए और ऊंचे स्तरों पर रह सकती है। क्रिसिल के अनुसार असमान वर्षा से दलहन की बुआई पर असर हो रहा है।
मॉनसून के आगमन के साथ ही भारी बारिश के कारण बड़े कारोबारों पर भी असर हुआ है। एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर के प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इसकी विनिर्माण इकाइयों में परिचालन पर थोड़ा असर हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि भारी बारिश की वजह से वाहनों की आवाजाही पर असर हुआ है जिसका असर उनके संयंत्रों में काम पर भी हुआ है।
वी-जॉन समूह के सीईओ विमल पांडे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के बद्दी में उसके संयंत्र ठीक ढंग से काम कर रहे हैं और परिचालन पर कोई असर नहीं हुआ है। पांडे ने कहा कि सभा कर्मचारी पहले की तरह फैक्टरी आ रहे हैं।