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2024 में शुरू होगा 50 जीडब्ल्यूएच बैटरी सेल का स्थानीय उत्पादन

अभी भारत में बैटरी की सिर्फ असेंबलिंग होती है। सेल का आयात चीन, ताइवान व यूरोपीय देशों से होता है।

Last Updated- October 18, 2023 | 10:17 PM IST
2025 तक डिमांड से पांच गुना ज्यादा होगा प्रोडक्शन, मगर बैटरी बनाने वाली कंपनियों को सता रही इस बात की चिंता…, By 2025, production will be five times more than demand, but battery manufacturing companies are worried about this

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने आज ऐलान किया कि 50 गीगावॉट ऑवर (gwh) बैटरी सेल्स (Battery Celss) का स्थानीय उत्पादन साल 2024 में शुरू होगा। ग्रीन प्लेट ईवी रैली के दौरान उन्होंने कहा, अपनी ऊर्जा की जरूरतों को लेकर हम आत्मनिर्भर नहीं हैं, लेकिन भारत अगले साल की शुरुआत में करीब 50 जीडब्ल्यूएच का स्थानीय उत्पादन चालू करेगा।

पांडे ने कहा, देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की वृद्धि के लिए भारत सरकार लगातार सहयोग दिया है। हम गर्व से साथ कह सकते हैं कि अभी भारतीय सड़कों पर 9.4 लाख इलेक्ट्रिक वाहन हैं। बैटरी के विकास और देसी विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना से अन्य पर हमारी निर्भरता कम हो रही है और हमें आत्मनिर्भर बना रही है। आगामी समय में भारत बैटरी उत्पादन का अहम केंद्र बन जाएगा।

अभी भारत में बैटरी की सिर्फ असेंबलिंग होती है

अभी भारत में बैटरी की सिर्फ असेंबलिंग होती है। सेल का आयात चीन, ताइवान व यूरोपीय देशों से होता है। सेल्स के स्थानीय उत्पादन पर सरकार ने 2021 से जोर देना शुरू किया है और तब सरकार ने 30 जीडब्ल्यूएच एडवांस्ड केमेस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज के उत्पादन के लिए 18,100 करोड़ रुपेय की पीएलआई योजना का ऐलान किया था।

मंत्रालय से 30 जीडब्ल्यूएच क्षमता के निर्माण के लिए ओला सेल टेक्नोलॉजिज, एसीसी एनर्जी स्टोरेज और रिलायंस न्यू एनर्जी बैटरी स्टोरेज को अवॉर्ड मिला है। टाटा समूह, एक्साइड, अमर राजा आदि पहले ही भारत में सेल विकसित करने की योजना का ऐलान कर चुके हैं।

सरकार बाकी 20 जीडब्ल्यूएच की नीलामी की योजना बना रही है। इस हफ्ते केंद्रीय बिजली व अक्षय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने भी कहा था कि सरकार की योजना लागत घटाने और ईवी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैटरी की खातिर नई पीएलआई योजना सामने रखने की है।

First Published - October 18, 2023 | 9:29 PM IST

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