एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCII) ने विज्ञापन संबंधी अपने दिशानिर्देशों में बदलाव किया है। नए दिशानिर्देशों में वित्त और स्वास्थ्य कंपनियों का विज्ञापन करने वालों पर ज्यादा जिम्मेदारी आ गई है।
फिनफ्लुएंसर के तौर पर पहचाने जाने वाले फाइनैंशियल इन्फ्लुएंसर के लिए एएससीआई का कहना है कि जब वे शेयर या निवेश से जुड़ी सलाह देंगे तो उनका भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से पंजीकृत होना जरूरी है और उनकी सेबी पंजीकरण संख्या उनके नाम और योग्यता के साथ दर्शाई जानी चाहिए।
नए दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘अन्य वित्तीय सलाह के लिए इन्फ्लुएंसर को बीमा नियामक का बीमा लाइसेंसी, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), कंपनी सेक्रेटरी (सीएस) आदि होना चाहिए। इसके अलावा उन्हें समय-समय पर वित्तीय नियामकों द्वारा अनिवार्य किए गए सभी आवश्यकताओं का खुलासा करना होगा।’
हेल्थ इन्फ्लुएंसर के लिए एएससीआई का कहना है कि उनके पास जरूरी योग्यता जैसे मेडिकल की डिग्री होनी चाहिए या फिर वे नर्स, पोषण विशेषज्ञ, डायटिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट अथवा मनोवैज्ञानिक हों।
उसने कहा है, ‘बैंकिंग, वित्त सेवा, बीमा, स्वास्थ्य और पोषण उत्पादों तथा सेवाओं जैसी श्रेणियों में गलत अथवा भ्रामक विज्ञापन के कारण ग्राहकों को परेशानी हो सकती है।’
काउंसिल ने ऐसी योग्यताओं के खुलासे के लिए नए मानदंड भी जोड़े हैं। इसमें कहा गया है कि जानकारी को प्रमुखता से दिखाना चाहिए या वीडियो की शुरुआत में ही इसका उल्लेख करना होगा।
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि इसके अलावा ब्लॉग या किसी टेक्स्ट-आधारित पोस्ट के लिए उपभोक्ता के पोस्ट पढ़ने के पहले ही इसका खुलासा कर देना होगा। पॉडकास्ट के दौरान विज्ञापन शुरू होने से पहले ही इसके बारे में बताना होगा।
एएससीआई द्वारा पूछे जाने पर इन्फ्लुएंसर को अपनी योग्यताएं और प्रमाणपत्रों का प्रमाण भी देने में सक्षम होना चाहिए।
इन्फ्लुएंसर के लिए दिशानिर्देश पहले में मई 2021 में पेश किए गए थे। उनका उद्देश्य उपभोक्ताओं को प्रचार सामग्री की पहचान करने और उत्पादों या सेवाओं पर सही निर्णय लेने में मदद करना है।