इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 में वे लगभग 15 लाख वाहन बेचेंगी, जो नीति आयोग के महत्वाकांक्षी लक्ष्य 23 लाख से काफी कम है। इससे वर्ष 2030 तक 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक दोपहिया तक पहुंचने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को धक्का लग सकता है।
प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) ने कहा कि वह और ज्यादा सुस्त अनुमान जताने पर बाध्य है क्योंकि वर्ष 23 में उद्योग का प्रदर्शन नीति आयोग के 12 लाख के लक्ष्य से काफी कम रहने के आसार जताए गए हैं।
वित्त वर्ष 23 के लिए एसएमईवी का अनुमान सरकार के लक्ष्य के करीब था क्योंकि इसके 10 लाख से अधिक बिक्री होने की उम्मीद थी। लेकिन हकीकत कुछ और ही रही।
एसएमईवी के महानिदेशक और हीरो इलेक्ट्रिक के मुख्य कार्याधिकारी सोहिंदर गिल ने कहा ‘इस वित्त वर्ष के आखिर तक हम 7,50,000 के आसपास रहेंगे, जो नीति आयोग के अनुमान से कम है। भले ही हमने 10 लाख से ज्यादा का अनुमान जताया था, लेकिन अब वह संभव होता नहीं लगता। इसलिए हमारे सदस्यों से मिली जानकारी के आधार पर हमें वित्त वर्ष 20 में बिक्री ज्यादा से ज्यादा दोगुनी होने की उम्मीद है, लेकिन यह तीन गुना तक नहीं बढ़ेगी।’ यही वजह है कि एसएमईवी का अनुमान सरकार की तुलना में बहुत कम है।