भारत में एक दिन में कोरोनावायरस संक्रमण के 2,151 नए मामले आने के बाद देश में अभी तक संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 4,47,09,676 हो गई है। पिछले पांच महीने में सामने आए ये सर्वाधिक दैनिक मामले हैं। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 11,903 पर पहुंच गई है। इससे पहले पिछले साल 28 अक्टूबर को 2,208 दैनिक मामले सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह आठ बजे जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में संक्रमण से तीन और कर्नाटक में एक मरीज की मौत के बाद देश में मृतक संख्या बढ़कर 5,30,848 हो गई। वहीं, संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने वैश्विक महामारी से जान गंवाने वाले मरीजों की सूची में तीन नाम और जोड़े हैं। भारत में संक्रमण की दैनिक दर 1.51 प्रतिशत और साप्ताहिक दर 1.53 प्रतिशत है।
अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी 11,903 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 0.03 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.78 प्रतिशत है। अभी तक कुल 4,41,66,925 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, भारत में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.65 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं। भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोनावायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर 2020 को 50 लाख, 28 सितंबर 2020 को 60 लाख, 11 अक्टूबर 2020 को 70 लाख, 29 अक्टूबर 2020 को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर 2020 को ये मामले एक करोड़ से अधिक हो गए थे। चार मई 2021 को संक्रमितों की संख्या दो करोड़ और 23 जून 2021 को तीन करोड़ के पार पहुंच गई थी। पिछले साल 25 जनवरी को संक्रमण के कुल मामले चार करोड़ के पार चले गए थे।
सार्स-सीओपी वायरस को निष्प्रभावी करने वाला अणु मिला
एक नए अध्ययन के अनुसार सार्स-सीओवी-2 वायरस को निष्प्रभावी करने वाले एक छोटे अणु की खोज की गई है जिससे कोविड-19 के इलाज के लिए दवाइयां तैयार करने में मदद मिल सकती है। सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण ही कोविड बीमारी होती है। अमेरिका के ह्यूस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार नया अणु वायरस से होने वाले संक्रमण के खिलाफ तत्काल सुरक्षा प्रदान कर सकता है और इस प्रकार यह उन सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त हो सकता है, खास कर उच्च जोखिम वाले उन लोगों के लिए जिनके शरीर में टीकाकरण के बाद भी पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं उत्पन्न होते हैं।
अध्ययन में कहा गया है कि नया अणु फाइजर कंपनी की एंटीवायरल दवाई पैक्सलोविड से उलटा काम करता है। फाइजर कंपनी की दवाई लक्षण दिखाने के पहले तीन दिनों के दौरान ही उपयोगी रहती है। इस अध्ययन की रिपोर्ट बायोमेडिसिन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है। अध्ययन के अनुसार, इस अणु की खोज उस समय की गई जब महामारी चरम पर थी और वैज्ञानिकों की टीम ने 15,09,984 यौगिकों की जांच की। ह्यूस्टन कॉलेज ऑफ फार्मेसी के प्रोफेसर ब्रैडली मैककोनेल ने कहा कि उनकी टीम इस छोटे चिकित्सीय अणु की खोज से रोमांचित है। सार्स-सीओवी वायरस और इसके डेल्टा और ओमीक्रोन जैसे उपस्वरूप सभी उम्र के मरीजों के लिए एक बड़ा खतरा बने हुए हैं।