यूट्यूब ने दिशनिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में भारत से 22.5 लाख वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। यह कार्रवाई वर्ष 2023 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच की गई। इस सूची में भारत शीर्ष पर है। यूट्यूब की कम्युनिटी गाइडलाइंस एन्फोर्समेंट रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर इसी अवधि में 90 लाख वीडियो हटाए गए हैं।
यूट्यूब ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले इन वीडियो का पता मशीनों से ही लगा है। इनमें से 53.46 फीसदी वीडियो को कोई भी व्यू मिलने से पहले ही हटा दिया गया था। हटाए गए कुल 27.07 प्रतिशत वीडियो ऐसे रहे, जिन्हें 1 से 10 व्यू मिल चुके थे। रोचक बात यह कि मशीन द्वारा अपलोड किए जाने वाले वीडियो की संख्या बढ़ती जा रही है।
यूट्यूब ने वैश्विक स्तर पर दो करोड़ चैनलों को भी अपने प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंधित किया है। यह संख्या इससे पूर्व की तिमाही में कार्रवाई का सामना करने वाले चैनलों से लगभग दोगुनी है। जब किसी चैनल पर कार्रवाई की जाती है तो उसके वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया जाता है।
चैनल स्तर पर प्रतिबंधों के कारण यूट्यूब ने लगभग 9.55 करोड़ वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है। चैनलों पर प्रतिबंध का प्रमुख कारण अवांछनीय (स्पैम), भ्रामक सामग्री रही। इनमें स्पैम वीडियो की हिस्सेदारी 92.8 प्रतिशत रही जबकि नग्नता और यौन सामग्री वाले वीडियो 4.5 प्रतिशत रहे।
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यूट्यूब चैनल पर उस समय प्रतिबंध लगाया जाता है जब 90 दिन के अंदर तीन बार सामुदायिक दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है।’ भारत के बाद सिंगापुर और फिर अमेरिका दूसरे एवं तीसरे नंबर पर रहे। यूट्यूब ने 2023 की चौथी तिमाही में 1.1 अरब प्रतिक्रियाएं भी अपने मंच से हटाईं।