इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (ईएमपीएस) को फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-3) के तीसरे चरण की शुरुआत होने तक बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित 64वें एक्मा वार्षिक सत्र के दौरान कहा, ‘फेम के शुरू होने तक इसका विस्तार किया जाएगा।’ ईएमपीएस 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है। यह विस्तार दो महीने के लिए होने की संभावना है। एक्मा भारत की ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन है।
पिछले सप्ताह कुमारस्वामी ने संकेत दिया था कि फेम-3 अगले दो महीने के भीतर शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा था, ‘सरकार स्थानीय विनिर्माण और सतत विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत के ईवी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। फेम-3 की शुरुआत दो महीने के भीतर की जाएगी।’
अगर ऐसा होता है तो यह ईएमपीएस के लिए दूसरा विस्तार होगा जिसे शुरुआत में 1 अप्रैल से 31 जुलाई तक चार महीने के लिए शुरू किया गया था और इसके लिए 500 करोड़ रुपये रखे गए थे।
योजना की शुरुआती अंतिम समयसीमा से पहले ही इसे दो महीने पहले तक बढ़ा दिया गया था जिससे इसकी आवंटित राशि बढ़कर 778 करोड़ रुपये हो गई। बिजनेस स्टैंडर्ड खबर दे चुका है कि 15 अगस्त तक ईएमपीएस अपने संशोधित लक्ष्य का 60 प्रतिशत पूरा कर चुकी है और 5,60,000 ईवी के लक्ष्य में से 3,34,260 वाहनों को सहायता दी गई है।
214 करोड़ रुपये या आवंटित राशि 778 करोड़ के 27 प्रतिशत के लिए दावे पेश किए गए हैं। यह राशि पिछले व्यय से इस्तेमाल किए गए पैसा का 42 प्रतिशत से अधिक है। एथर एनर्जी, ओला इलेक्ट्रिक, टीवीएस, हीरो मोटोकॉर्प, काइनेटिक, रिवोल्ट, महिंद्रा और पियाजियो जैसी प्रमुख मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) इस योजना की प्रमुख भागीदार हैं।
भारी उद्योग मंत्रालय एक ऐसी योजना की रूपरेखा भी तैयार कर रहा है जिसके तहत सब्सिडी योजना के तहत बेचे जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर मंत्रालय का लोगो होगा और साथ ही ग्राहकों को इस योजना के बारे में जानकारी देने वाला प्रमाण पत्र भी।
इसके अलावा सरकार खुद से की जाने वाली केवाईसी प्रक्रिया भी अनिवार्य कर सकती है, जिसके तहत ग्राहक के लिए अपना वाहन पंजीकृत कराने के लिए सरकारी पोर्टल पर एक सेल्फी अपलोड करना और अपने आधार विवरण प्रमाणित करना जरूरी होगा।