Apple iPhone exports: टेक सेक्टर की दिग्गज कंपनी ऐपल इंक (Apple Inc) ने अपने वेंडर्स के जरिए अप्रैल-जून 2025 तिमाही में भारत से 6 अरब डॉलर के आईफोन (iPhones) का निर्यात किया जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 82% की जबरदस्त बढ़त है। वेंडर्स द्वारा सरकार के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले इसी अवधि में निर्यात सिर्फ 3.2 अरब डॉलर था। इसका नतीजा यह हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से लगाए जाने वाले टैरिफ के खतरे के बावजूद भारत का स्मार्टफोन निर्यात इसी तिमाही में 58% बढ़कर 7.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में 4.9 अरब डॉलर था।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही भारत से स्मार्टफोन निर्यात के मामले में अब तक की सबसे बड़ी तिमाही रही है, जिसमें ऐपल का हिस्सा कुल निर्यात का करीब 78% रहा। खबर लिखे जाने तक ऐपल इंक को भेजे गए सवाल का कोई जवाब नहीं मिला।
हालांकि, स्मार्टफोन निर्यात में इस वृद्धि का जारी रहना अमेरिका की ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट के सेक्शन 232 के तहत चल रही जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा। यह कानून अमेरिकी राष्ट्रपति को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर आयात प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। रिपोर्ट 14 अगस्त तक आने की उम्मीद है। तब तक मोबाइल डिवाइस छूट वाली लिस्ट में हैं और उन पर शून्य शुल्क लागू है।
पिछले साल भारत का स्मार्टफोन निर्यात 24.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया था जिसमें ऐपल का योगदान 17.5 अरब डॉलर का था। उद्योग विशेषज्ञों को उम्मीद है कि यह छूट जारी रहेगी या फिर यदि कोई शुल्क लगाया भी गया तो वह न्यूनतम होगा।
2020 में घोषित प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के चलते स्मार्टफोन निर्यात ने बड़ी छलांग लगाई है। वित्त वर्ष 2014-15 में यह भारत का 167वां सबसे बड़ा निर्यात आइटम था जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में यह देश का टॉप निर्यात (HS कोड के अनुसार) बन गया।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में स्मार्टफोन निर्यात में यह बढ़ोतरी भारत के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात को भी आगे ले गई। इस अवधि में कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 48% बढ़कर 12.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में 8.4 अरब डॉलर था। Q1FY26 में कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी बढ़कर 62% हो गई जो पिछले साल इसी अवधि में 58% थी।
ऐपल के अलावा, स्मार्टफोन निर्यात में योगदान देने वाली अन्य कंपनियों में सैमसंग, पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स (डिक्सन टेक्नोलॉजीज की सहायक कंपनी) और अन्य बाजार निर्यातक शामिल हैं। अनुमान के मुताबिक, कुल निर्यात में सैमसंग की हिस्सेदारी 12% रही जबकि शेष 10% पैजेट और अन्य कंपनियों के संयुक्त योगदान से आई। अकेले पैजेट ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 17.5 करोड़ डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया।
पीएलआई (PLI) योजना का असर 2020 से साफ नजर आ रहा है। इस योजना ने भारत की स्मार्टफोन निर्यात में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद की है। तुलना के लिए, भारत ने पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 3.1 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया था। पीएलआई योजना के नतीजे वित्त वर्ष 2021-22 में दिखने लगे, जब निर्यात बढ़कर 5.8 अरब डॉलर हो गया। इसके बाद से यह आंकड़े लगातार बढ़ते गए — वित्त वर्ष 2022-23 में 11.1 अरब डॉलर, वित्त वर्ष 2023-24 में 15.6 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 2024-25 में 24.1 अरब डॉलर के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए।
पीएलआई योजना कंपनियों के लिए एक-एक करके समाप्त हो रही है। ऐपल के तीन वेंडर इस योजना के तहत अपने अंतिम वर्ष में हैं, जबकि सैमसंग ने मार्च में अपने पांच साल पूरे कर लिए हैं।