रेनॉल्ट इंडिया के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर वेंकटराम ममिल्लापल्ले ने कहा कि कंपनी अगले दो साल में पांच नए प्रोडक्ट लॉन्च करेगी। बिजनेस स्टैंडर्ड के शाइन जैकब के साथ विशेष साक्षात्कार में, उन्होंने क्विड के भविष्य, रेनॉल्ट द्वारा निसान की चेन्नई विनिर्माण इकाई के अधिग्रहण, आगामी लॉन्च और भारत में कंपनी की विकास योजना के बारे में चर्चा की।
आप क्विड सहित ए-श्रेणी वाली कारों का भविष्य किस तरह देखते हैं?
इस श्रेणी में हमारे पास केवल दो भागीदार और दो कारें हैं। दोनों कारें अपनी जगह और आकार में कमोबेश स्थिर हैं। इसमें संदेह नहीं कि यह श्रेणी तेजी से घट रही है। मेरी राय में वह समय दूर नहीं जब यह श्रेणी बाजार में वापसी करेगी। जिस दिन कोई यह मानने लगेगा कि यह कमोडिटी है, न कि लग्जरी वस्तु, यह श्रेणी वापस आ जाएगी। यह प्रगति खरीदार की परिपक्वता के साथ ही होगी। ऐसा समय के साथ होगा और तब तक इस श्रेणी का वजूद रहेगा या नहीं, यह सवाल है। हमारा उद्देश्य यह है कि जब तक हम बाजार में मॉडल (क्विड) बनाए रखने में सक्षम हैं, हम इसे पेश करते रहेंगे।
आपने हाल ही में चेन्नई विनिर्माण इकाई में निसान की हिस्सेदारी हासिल की है। आपके लिए इसका क्या मतलब है?
यह अपने पैर जमाने और भारतीय उपभोक्ताओं को यह बताने का है कि हम यहां टिकने वाले हैं। हमारा भारतीय बाजार में विश्वास है, आगे बढ़ना चाहते हैं और हमारे पास 4,80,000 वाहनों की क्षमता वाला संयंत्र है। तेजी से फैसले लेने के लिए संयंत्र को अपने नियंत्रण में रखना हमेशा अच्छा रहता है। इसीलिए हमने हिस्सेदारी हासिल की। फिलहाल हम केवल राइट-हैंड ड्राइव वाली गाड़ियों का ही निर्यात कर रहे हैं। हमें निर्यात के लिए लेफ्ट-हैंड ड्राइव पर भी विचार करना होगा। हम जल्द ही लेफ्ट-हैंड ड्राइव लाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
आप अपने क्षमता उपयोग और बिक्री में सुधार कैसे करने जा रहे हैं?
वर्तमान में हमारा क्षमता उपयोग करीब 48 प्रतिशत है। हम 2 वर्षों के भीतर 5 नए मॉडल पेश करने जा रहे हैं, जिससे बिक्री संख्या में वृद्धि होगी। हम करीब 2,80,000 से 3,00,000 गाड़ियों तक पहुंच जाएंगे, जिसका अर्थ है कि हम करीब 65 से 70 प्रतिशत स्तर पर होंगे। इसके बाद हमारे पास मॉडल संवर्द्धन की और योजनाएं हैं। हम निसान मॉडल बनाना जारी रखेंगे।
पिछला साल आपका मुश्किल साल रहा। जब तक आप अपना मॉडल उतारेंगे, तब तक आपको बाजार में किस तरह के बदलाव की उम्मीद है?
जब आप कोई नया मॉडल लेकर आते हैं, तो आप बाजार में अनूठापन लाते हैं। हम नई श्रेणी में भी भूमिका निभाएंगे। इसका मतलब है कि हम 10 लाख रुपये से कम से लेकर 10 लाख रुपये से ज्यादा की रेंज में जाएंगे। इससे हमें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। आज हमारे पास करीब 362 आउटलेट और 240 सर्विस सेंटर हैं। इसमें संदेह नहीं कि हमें नए मॉडलों के साथ इसे बढ़ाना होगा। हमें यह देखने की जरूरत है कि बाजार कहां केंद्रित है और हम उसी पर ध्यान देने जा रहे हैं।
आगे चलकर ईवी और वैकल्पिक ऊर्जा की क्या भूमिका होगी?
ईवी हमारे बाजार में दो प्रतिशत से कम है और पारिस्थितिकी तंत्र को और विकसित करने की जरूरत है।
आपने हाल ही में चेन्नई में डिजाइन सेंटर शुरू किया है। यह चीजों की आपकी वैश्विक योजना में कितना महत्त्वपूर्ण है?
फ्रांस के बाहर यह सबसे बड़ा और दुनिया भर में ऐसे चार केंद्रों में से एक है। हम जानते हैं कि भारतीय बाजार में तेजी आने वाली है और हर कोई पहले के विपरीत बहुत तेजी से मॉडल उतारेगा। इसके लिए हम चाहते हैं कि तेजी से फैसला लेने के सब कुछ नजदीक हो और बाजार पर ओईएम का पूरा नियंत्रण हो।
