facebookmetapixel
फाइजर-सिप्ला में हुई बड़ी साझेदारी, भारत में प्रमुख दवाओं की पहुंच और बिक्री बढ़ाने की तैयारीगर्मी से पहले AC कंपनियों की बड़ी तैयारी: एनर्जी सेविंग मॉडल होंगे लॉन्च, नए प्रोडक्ट की होगी एंट्रीमनरेगा की जगह नए ‘वीबी-जी राम जी’ पर विवाद, क्या कमजोर होगी ग्रामीण मजदूरों की ताकत?1 फरवरी को ही आएगा 80वां बजट? रविवार और रविदास जयंती को लेकर सरकार असमंजस मेंसिनेमाघरों में लौटी रौनक: बॉक्स ऑफिस पर 11 महीनों में कमाई 18% बढ़कर ₹11,657 करोड़ हुईघने कोहरे की मार: इंडिगो-एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स रद्द, यात्रियों को हुई परेशानीश्रीराम फाइनैंस में जापान का अब तक का सबसे बड़ा FDI, MUFG बैंक लगाएगा 4.4 अरब डॉलरRBI की जोरदार डॉलर बिकवाली से रुपये में बड़ी तेजी, एक ही दिन में 1.1% मजबूत हुआ भारतीय मुद्राअदाणी एयरपोर्ट्स का बड़ा दांव: हवाई अड्डों के विस्तार के लिए 5 साल में लगाएगी ₹1 लाख करोड़मोबाइल पर बिना इंटरनेट TV: तेजस नेटवर्क्स की D2M तकनीक को वैश्विक मंच पर ले जाने की तैयारी
लेख

राजकोषीय कमजोरी

कोविड-19 महामारी के कारण मची उथलपुथल ने दुनिया भर की सरकारों के वित्त पर बुरा असर डाला है। भारत की बात करें तो हालांकि हमारे यहां ध्यान केंद्र सरकार पर है लेकिन यह भी अहम है कि राज्य सरकारों की वित्तीय स्थिति पर से ध्यान नहीं हटाया जाए। ऐसा इसलिए कि आम सरकारी व्यय का […]

अर्थव्यवस्था

मजबूत राजस्व संग्रह से खर्च की बनी गुंजाइश

सरकारी राजस्वों में मजबूत सुधार का मतलब है कि वृद्घि की लय को बढ़ाने की खातिर उच्च पूंजीगत व्यय आवंटन के रूप में अतिरिक्त समर्थन मुहैया कराने के लिए सरकार के पास पर्याप्त राजकोषीय गुंजाइश है। आज संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में ये बातें कही गई हैं। समीक्षा में कहा गया है, […]

अर्थव्यवस्था

मजबूत राजस्व संग्रह से खर्च की बनी गुंजाइश

सरकारी राजस्वों में मजबूत सुधार का मतलब है कि वृद्घि की लय को बढ़ाने की खातिर उच्च पूंजीगत व्यय आवंटन के रूप में अतिरिक्त समर्थन मुहैया कराने के लिए सरकार के पास पर्याप्त राजकोषीय गुंजाइश है। आज संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा में ये बातें कही गई हैं। समीक्षा में कहा गया है, […]

बाजार

किसान कर्ज माफी, कर कटौती, राजकोषीय समझदारी की उम्मीद

वित्त वर्ष 2022-23 का बजट ऐसे समय पर पेश होने जा रहा है जब भारत की अर्थव्यवस्था विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से जूझ रही है। इन चुनौतियों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और लगातार बनी हुई मुद्रास्फीति प्रमुख हैं। इनकी वजह से आगामी महीनों में सरकारी कोष पर दबाव पड़ सकता है। ओमिक्रॉन के […]

लेख

अमेरिकी मौद्रिक नीति से जुड़े सवाल और असर

अमेरिका की मौद्रिक नीति भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में एक है। अमेरिका में खुदरा महंगाई 6.8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह पिछले 40 वर्षों के उच्चतम स्तर पर है और महंगाई 2 प्रतिशत तक सीमित करने के लक्ष्य से काफी अधिक है। अब इन हालात में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल […]

लेख

राजकोषीय सुदृढ़ीकरण अब है केंद्र की बारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महज कुछ सप्ताह में अपना लगातार चौथा बजट पेश करेंगी। स्वतंत्र भारत में अब तक 23 वित्त मंत्री (तीन प्रधानमंत्रियों को छोड़कर) हुए हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में कम से कम एक बजट पेश किया है। परंतु इनमें से केवल आठ को लगातार चार बजट पेश करने का गौरव प्राप्त […]

लेख

मजबूत हों स्थानीय निकाय

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय स्थिति पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी कर दी है। देश की राजनीतिक अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वालों के लिए यह एक अहम संसाधन है क्योंकि राज्य सरकारों के बजट एकत्रित करने और उनका विश्लेषण करने में कठिनाई हो रही है। सरकार के आम बजट के लिए महत्त्वपूर्ण राजकोषीय निहितार्थ […]

लेख

दो वर्ष का नुकसान

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी कर दिए हैं। जुलाई से सितंबर 2021 तिमाही के इन आंकड़ों में स्थिर मूल्य पर जीडीपी की दर में 2020 की समान अवधि की तुलना में 8.4 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है। हालांकि […]

लेख

राजकोषीय सेहत पर ध्यान

बीते कुछ सप्ताह से देश के बड़े इलाके में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिली है। यही कारण है कि राज्य सरकारों ने आवागमन पर लगे प्रतिबंधों को शिथिल किया है और आर्थिक गतिविधियां भी सामान्य हुई हैं। राज्य सरकारों द्वारा संक्रमण के स्तर को देखते हुए प्रतिबंध लगाने और हटाने के […]

लेख

मुद्रास्फीति का लक्ष्य और अनुपालन का सवाल

मीडिया में आई हालिया टिप्पणियों में इस बात को चिंता के साथ रेखांकित किया गया है कि मुद्रास्फीति को तय दायरे में रखने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आदेश में हल्का परिवर्तन आया है। कई टिप्पणीकारों का उचित ही यह मानना है कि केंद्रीय बैंक ने शायद मुद्रास्फीति पर वृद्धि को वरीयता देकर गलती […]