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लेख

अधिकता की समस्या

कोविड-19 महामारी ने वृहद-आर्थिक प्रबंधन को खासा मुश्किल बना दिया है। कुछ हद तक बेहतर परिदृश्य होने के बावजूद चालू वित्त वर्ष का समापन उत्पादन में करीब दो अंकों की गिरावट के साथ हो सकता है। भले ही अगले वित्त वर्ष में हालात सुधरने की उम्मीद है लेकिन उच्च वृद्धि पथ पर फिर लौट पाना […]

बैंक

रिजर्व बैंक ने गठित किया नवोन्मेष केंद्र

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र के लिए नवोन्मेष केंद्र का गठन किया है। इस इकाई की प्रशासनिक परिषद का चेयरपर्सन सेनापति (कृष) गोपालकृष्णन को बनाया गया है, जो इन्फोसिस के सह संस्थापक और पूर्व सह चेयरमैन थे। केंद्रीय बैंक ने अपनी अगस्त की मौद्रिक नीति में कहा था कि वह रिजर्व बैंक नवोन्मेष […]

लेख

रिजर्व बैंक निगरानी व्यवस्था करे मजबूत

एम राजेश्वर राव ने गत सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के चौथे डिप्टी गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला तो केंद्रीय बैंक ने अपने डिप्टी गवर्नरों के कामकाज में भी बदलाव कर दिया। राव अब नियमन एवं जोखिम प्रबंधन का काम देखेंगे जबकि एम के जैन के पास निगरानी का दायित्व बना रहेगा। एम डी […]

अर्थव्यवस्था

सुधार की राह पर अर्थव्यवस्था

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था लगभग सुधार की राह पर है और केंद्रीय बैंक तथा सरकार ने इसमें सहयोग करने के लिए मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों को उदार बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि वित्तीय क्षेत्र के पास समुचित मात्रा […]

लेख

उधारी पर जोर

हाल में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की सालाना बैठकों में इस बिंदु पर चर्चा केंद्रित रही कि दुनिया के देश किस तरह कोविड-19 महामारी से निपटने और इसके  असर से बाहर निकल सकते हैं। चर्चा के दौरान नीतिगत एवं वित्तीय रणनीतिकारों में व्यापक पैमाने पर उधार लेने पर सहमति बनी। यह निष्कर्ष […]

बाजार

5 साल के बॉन्ड प्रतिफल ने लगाई छलांग

राज्योंं को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से कम राजस्व प्राप्ति की भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1.1 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की घोषणा के बाद आज 5 साल के बॉन्डों पर प्रतिफल बढ़ गया। हालांकि 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड में स्थिरता बनी रही। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने राज्य […]

बैंक

मौद्रिक नीति में यथास्थिति बरकरार रहने के आसार

अर्थशास्त्रियों और बॉन्ड कारोबारियों ने 9 अक्टूबर को नीतिगत दरों में यथास्थिति बरकरार रहने की उम्मीद जताई है। उनका मानना है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) पहले की गई कटौती के अंतिम लाभार्थियों तक हस्तांतरित होने के लिए फिलहाल इंतजार करेगी। इसके अलावा पैनल में नए सदस्यों के देरी से शामिल होने के कारण भी […]

बैंक

सरकारी बैंकों को मिले आजादी, वित्तीय तंत्र हो दुरुस्त

बीएस बातचीत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के निवर्तमान चेयरमैन रजनीश कुमार का कहना है कि अंतिम छह महीने उनके पेशेवर जीवन में सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हुए हैं। कुमार ने कहा कि भारत का वित्तीय तंत्र कोविड-19 से उत्पन्न चुनौती से बखूबी निपटा है, लेकिन कुल मिलाकर वित्तीय तंत्र को और मजबूत बनाने की दरकार है। […]

लेख

पश्चिमी केंद्रीय बैंकों में बदलाव के अनुकरण से बचे आरबीआई

पश्चिमी देशों के केंद्रीय बैंकों के कामकाज, जवाबदेहियों और कार्य प्रणाली में गंभीर बदलाव आ रहे हैं लेकिन ऐसा करते हुए इसके गंभीर परिणामों को नहीं समझा गया है और न ही इस पर लोकतांत्रिक चर्चा हो रही है। भारत कई बार उनके नीतिनिर्णयों का यह सोचकर अंधानुकरण करता है कि बतौर परिपक्व अर्थव्यवस्था वह […]

लेख

अर्थनीति में रूढि़वादिता के होते हैं नुकसान

बीते 30 वर्ष में पश्चिमी जगत के अर्थशास्त्रियों और उनके भारतीय शिष्यों ने बहुत उत्साह के साथ केंद्रीय बैंक और सरकारों को शिकार बनाया और इस बारे में ढेर सारी सामग्री जुटाई कि कैसे किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय नीति दोनों का एक-एक लक्ष्य होना चाहिए। उनका कहना है कि केंद्रीय बैंकों को केवल […]