न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की पीठ ने कहा, आयकर विभाग को इस पर निर्णय करना होगा। या तो वह हां कहे या नहीं। यदि यह स्वीकार्य है तो हां कहो और अन्यथा। लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि आप फैसला नहीं कर सकते हैं।
आयकर विभाग के आग्रह पर अदालत ने इस मामले की सुनवाई 2 दिसंबर तक टाल दी। इससे पहले मोबाइल हैंडसेट कंपनी ने भारत मंे उसकी परिसंपत्तियांे के हस्तांतरण पर स्थगन को समाप्त करने का आग्रह किया था। कंपनी का कहना था कि अदालत के इस निर्देश से 7.2 अरब डालर के वैश्विक सौदे के तहत उसकी भारतीय इकाई की माइक्रोसाफ्ट को बिक्री अटक जाएगी।
कंपनी ने कहा है कि उसके कारोबार की माइक्रोसाफ्ट को बिक्री पूरी होने के बाद वह न्यूनतम 2,250 करोड़ रपये का कर देने को तैयार है। बिक्री मूल्य के आधार पर यह राशि अधिक भी हो सकती है। आयकर विभाग ने अदालत को बताया कि नोकिया पर करीब 6,500 करोड़ रपये की कर देनदारी बनती है।
नोकिया ने कहा है कि यदि उसकी चेन्नई की भारतीय इकाई की बिक्री का सौदा पूरा नहीं होता है तो वह 12 माह मंे अपना परिचालन बंद कर देगी जिससे यहां उसकी परिसंपत्तियांे का कुछ भी मूल्य नहीं रहेगा।