खण्डवा जिले के ग्राम बड़खालिया, हरदा जिले के ग्राम उंवा एवं देवास जिले के ग्राम मेल पिपलिया में एक साथ पिछले बारह दिनों से चल रहे जल सत्याग्रह पर भी चुनावी रंगत चढ़ रही है। राज्य सरकार जहां प्रदेश में दो माह बाद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा लागू की जाने वाली आदर्श चुनाव आचार संहिता की प्रतीक्षा कर रही है, ताकि वह प्रभावित विस्थापितों से कोई वायदा करने से बच जाए, वहीं सत्याग्रहियों की जिद्द है कि यदि मुख्यमंत्री चौहान को इस क्षेत्र से भाजपा को जिताना है, तो उन्हें उनके पास आना होगा।
नर्मदा पर निर्मित इंदिरा सागर बांध परियोजना के जलाशय में 262.13 मीटर के स्तर तक पानी भरने से नाराज सत्याग्रही सुकमा बाई ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री चौहान नहीं आएंगे, तब तक हम जल समाधि से नहीं हटेंगे।
एक अन्य सत्याग्रही लीला बाई ने कहा कि मुख्यमंत्री को उनकी समस्या सुनने और उसके हल करने के लिए यहां आना ही होगा। चुनाव का समय आ गया है, उनको जीतना है, तो वे आएंगे और तभी जीतेंगे। उन्होने कहा कि सत्याग्रह को कुचलने के लिए सरकार ने इलाके मंे धारा 144 लगाई, लेकिन हमने हार नहीं मानी और गिरफ्तारियां दीं। थक हार कर प्रशासन और पुलिस ने हमें गिरफ्तार करने की कार्रवाई टाल दी। इस समय हम कुल छह स्थानों पर जल सत्याग्रह कर रहे हैं।