परिवहन, पर्यटन तथा संस्कृति पर स्थायी समिति ने कहा है कि ज्यादातर क्षमता विस्तार निजी बंदरगाहांे द्वारा किया जा रहा है, जबकि प्रमुख बंदरगाहांे का क्षमता विस्तार बहुत अधिक नहीं है।
फिलहाल देश के प्रमुख बंदरगाहांे की क्षमता सिर्फ 69.65 करोड़ टन की है और सालाना क्षमता विस्तार अनुपात सिर्फ 6.65 फीसद है। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी :माकपा: सांसद सीताराम येचुरी की अध्यक्षता वाली समिति का विचार है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना मंे बंदरगाहांे की क्षमता को बढ़ाकर 122.92 करोड़ टन पर पहुंचाने का लक्ष्य दूर की कौड़ी नजर आता है।
देश के 12 प्रमुख बंदरगाह....कोलकाता :हल्दिया:, पारादीप, विशाखापट्टनम, चेन्नई, एन्नोर, तूतिकोरिन, कोचिन, न्यू मेंगलूर, मरमुगाव, मुंबई, जवाहर लाल नेहरू तथा कांडला 11 वीं योजना मंे भी 101.65 करोड़ टन का क्षमता का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए थे।
गैर प्रमुख बंदरगाहांे की क्षमता 2011-12 मंे 40 करोड़ टन थी, जो अब 60 करोड़ टन है। समिति ने 2020 तक प्रमुख और गैर प्रमुख बंदरगाहांे द्वारा 313 करोड़ टन ढुलाई क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को तय करने के आधार पर भी सवाल उठाया है। समिति ने कहा कि उसे यह नहीं पता कि किस तरह से 2010-20 का मैरिटाइम एजंेडा तय किया गया है।
समिति ने इसके साथ की कई प्रमुख बंदरगाहांे पर यातायात की नकारात्मक वृद्धि पर चिंता जताई है। समिति ने कहा कि यह अच्छा रुख नहीं है, खासकर यह देखते हुए कि बंदरगाह इस समय क्षमता विस्तार पर ध्यान दे रहे हैं।