पारेख ने संवाददाताओं से कहा, ....अगर कोई साजिश हुई है तब इसमें विभिन्न लोग शामिल हैं। इनमें के एम बिड़ला हैं जिन्होंने अर्जी लगाई थी। इसमें मैं भी हूं, जिसने मामले को देखा था और सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं जो उस समय कोयला मंत्री थे और जिन्होंने अंतिम निर्णय किया था, वह तीसरे साजिशकर्ता हैं।
उन्होंने कहा, इसीलिए अगर साजिश हुई है तो हम सभी को आरोपी बनाया जाना चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री का नाम पहले साजिशकर्ता के रूप में लिया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, निश्चित रूप से। उन्होंने ही अंतिम निर्णय किया था....जवाबदेही प्रधानमंत्री की थी क्योंकि वह मेरी सिफारिशों को खारिज कर सकते थे। कोयला मंत्री के नाते यह पूरी तरह उनकी जवाबदेही थी।
पारेख ने कहा, सीबीआई को यदि यह लगता है कि कोई साजिश हुई है, तो उन्होंने बिड़ला और मुझे ही क्यों चुना। उसने प्रधानमंत्री का नाम क्यों नहीं लिया। अगर साजिश हुई है तो जो भी इससे जुड़ा है, वह साजिश का हिस्सा है।
सीबीआई ने आठ साल पहले ओडि़शा में दो कोयला खानों के आवंटन में कथित अनियमितता के सिलिसिले में आपराधिक साजिश तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कुमार मंगलम बिड़ला, पारेख तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
जारी भाषा