BS Manthan 2025, Day 2: बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ के दूसरे दिन शुक्रवार, 28 फरवरी को लग्जरी घड़ियां बनाने वाली कंपनी Hublot के CEO जूलियन टॉर्नेरे (Julien Tornare) ने भारत में कंपनी की भविष्य की योजनाओं पर अपनी बात रखी। अपने संबोधन में Julien Tornare ने कहा कि सिर्फ हमारी नहीं पुरी दुनिया की लग्जरी ब्रांड की नजर भारत पर है। भारत दुनिया का सबसे उभरता बाजार है और हम इसपर नजर रख रहे हैं। हालांकि Julien Tornare ने चिंता जताते हुए कहा कि भारत में विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स एक बड़ी बाधा है, लेकिन हाल ही में भारत और स्विट्जरलैंड के बीच इन टैक्स को कम करने के बारे में चर्चा हुई है।
Julien Tornare ने कहा, “यह बहुत जरूरी है कि जब आप भारत जैसे बाजार में कदम रखते हैं, तो आप न केवल अपने इतिहास, अपनी विरासत के बारे में भी बात करें, बल्कि यह भी दिखाएं कि ब्रांड ग्राहकों के साथ विकसित होगा। ब्रांड ग्राहकों के साथ पुराना नहीं होगा, बल्कि और अधिक युवा हो जाएगा।”
बात दें कि भारत में वैश्विक लग्जरी ब्रांड स्थापित करने को लेकर चर्चाएं नई नहीं हैं। कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और निदेशक, साथ ही भारत के G20 शेरपा उदय कोटक जैसे प्रमुख नेताओं ने BS Manthan में भारत में LVMH जैसे ब्रांड की जरूरत पर जोर दिया है। लेकिन विश्व स्तर पर पहचाने जाने वाले लग्जरी ब्रांड को बनाने के लिए वास्तव में क्या आवश्यक है?
Julien Tornare इसका जवाब देते हुए कहते हैं, “LVMH एक बड़ा समूह है, जो अब 75 ब्रांड्स का मालिक है और इसका पोर्टफोलियो काफी विविधतापूर्ण है। सफल ब्रांड्स की पहचान उनकी प्रामाणिकता और ‘देश की विरासत’ से जुड़ी होती है। जब लोग अच्छे जूते के बारे में सोचते हैं, तो उनके दिमाग में इटली आता है। फैशन के लिए फ्रांस या इटली। लग्जरी घड़ियों के लिए स्विट्जरलैंड। ये जुड़ाव ब्रांड की विश्वसनीयता और आकर्षण की वजह से है।”
Tornare इसपर कहते हैं, “भारत हमारे लिए और कई अन्य लग्जरी ब्रांड्स के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है लेकिन यह सब सही समय पर निर्भर करता है। LVMH ने भारत में 22 साल पहले कदम रखा था। Hublot भी 20 साल पहले आने वाले पहले वॉच ब्रांड्स में से एक था और हमने धैर्य बनाकर रखा है।”
उन्होंने कहा, “भारत में लग्जरी रिटेल के लिए सही माहौल धीरे-धीरे विकसित हो रहा है, जहां अधिक हाई-एंड शॉपिंग मॉल बनाए जा रहे हैं। लेकिन सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर ही काफी नहीं है। किसी ब्रांड को जल्द स्थापित करना होता है ताकि उसे प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल सके, जैसे हमने दशकों पहले चीन में किया था।”
महज 45 साल पुराना Hublot स्विस वॉच इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। भारत इस सफलता से क्या सीख सकता है? इसपर Tornare कहते हैं, “अधिकांश स्विस वॉच ब्रांड्स अपनी विरासत पर अत्यधिक निर्भर हैं। लेकिन Hublot अलग है। हम इनोवेशन और वॉचमेकिंग के भविष्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हर ब्रांड को युवा पीढ़ी तक अपनी पहुंच बनानी होगी, और इसके लिए उसे प्रासंगिक बने रहना होगा। भारत, जो अपनी समृद्ध विरासत के लिए जाना जाता है, उसे परंपरा और नई चीजों के बीच संतुलन बनाए रखना होगा।”
उन्होंने आगे बताया कि Hublot ने कलर सिरेमिक, सैफायर और मैजिक गोल्ड जैसे जैसी चीजों के साथ बढ़कर काम किया है। उन्होंने कहा, “जब मैं भारत आया, तो लोगों ने बताया कि यहां अभी भी पारंपरिक सोने की अधिक मांग है। यह ठीक है, लेकिन जैसे-जैसे पसंद बदलेंगी, नवाचार एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।”
भारत वस्त्र और आभूषण निर्माण में अपनी कारीगरी के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। देश अपने ब्रांड्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे बढ़ावा दे सकता है?
Tornare इसपर कहते हैं, “दो चीजें महत्वपूर्ण हैं: पर्यटन और वैश्विक संपर्क। लोग भारत में संस्कृति, इतिहास और भोजन के लिए आते हैं, जरूरी नहीं कि वह लग्जरी शॉपिंग के लिए यहां आते हो। दुबई, सिंगापुर और लंदन जैसे शहर अपने विश्वस्तरीय रिटेल अनुभवों के कारण शॉपर्स को आकर्षित करते हैं। भारत को भी ऐसे ही स्थान विकसित करने होंगे। साथ ही, वैश्विक भारतीय प्रवासी भी भारतीय लग्जरी ब्रांड्स को प्रमोट करने में भूमिका निभा सकते हैं।”
उन्होंने दक्षिण कोरिया का उदाहरण दिया, जिसने के-पॉप और टीवी के जरिए अपनी संस्कृति को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है, जिससे वहां के लग्जरी ब्रांड्स की मांग बढ़ी है। भारत के पास भी कुछ ऐसा करने की क्षमता है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार से लग्जरी उद्योग को समर्थन मिल सकता है, तो उन्होंने वैश्विक उदाहरणों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, “हां, सरकारें लग्जरी उद्योग को समर्थन देती हैं। ऊंचे टैरिफ ब्रांड्स को मुश्किल में डाल सकते हैं, लेकिन मजबूत स्थानीय ब्रांडिंग भारतीय उपभोक्ताओं को अपने देश और विदेशों में खरीदारी के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जैसा कि चीन ने समय के साथ हासिल किया।”
Tornare भारत को एक बड़ी संभावनाओं वाला बाजार मानते हैं। वह कहते हैं, “यदि मुझे भविष्य में विकास के लिए शीर्ष दो बाजारों का चयन करना हो, तो भारत उनमें से एक होगा।”