facebookmetapixel
Gold Silver price today: सोना लगातार तीसरे दिन ऑल टाइम हाई पर; चांदी ₹1.47 लाख के करीबदिवाली पर 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी खरीदें या नहीं? जानें सोने के अलावा इनमें क्या होता है मिक्स44% रैली के बाद Hindustan Copper का शेयर कर सकता है बड़ा मूव – निवेशक रहें सतर्करतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप में नया संकट! क्या हो रहा है अंदर कि सरकार को देना पड़ा दखलWeWork India IPO का अलॉटमेंट आज, ग्रे मार्केट में गिरा भाव; फटाफट चेक करें स्टेटसStock Market Update: शेयर बाजार में पॉजिटिव शुरुआत, सेंसेक्स 75 अंक ऊपर; निफ्टी 25125 के करीबबॉन्ड बाजार में खुदरा निवेशक कम, सरकार की योजना कर मुक्त बॉन्ड पर जोरPayPal का भारत फोकस; घरेलू भुगतान नहीं, सीमा पार लेनदेन पर जोरAxis Bank का बड़ा प्लान, सभी प्रमुख कॉर्पोरेट्स को बैंकिंग सेवाएं देगासुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों को CGHS दरों से बड़ा फायदा

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 : ‘देश भर में सीबीडीसी शुरू करने की जल्दबाजी नहीं’

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि सीबीडीसी का बुनियादी उपयोग आखिरकार सीमा पार भुगतान में है। ऐसे में हमें कुछ सीमा पार व्यवस्थाओं को शामिल करना होगा और देखना होगा

Last Updated- October 07, 2025 | 11:30 PM IST
डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर
डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को पूरे देश में लॉन्च करने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बेहतर उपयोग सीमा पार भुगतान में है और यह व्यवस्था तभी प्रभावी रूप से लागू हो सकती है, जब अन्य देश भी अपनी सीबीडीसी व्यवस्था शुरू करें। शंकर ने कहा कि सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और भारत में इसका उपभोक्ता आधार बढ़कर 70 लाख हो गया है।

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के मौके पर शंकर ने कहा, ‘सीबीडीसी का बुनियादी उपयोग आखिरकार सीमा पार भुगतान में है। ऐसे में हमें कुछ सीमा पार व्यवस्थाओं को शामिल करना होगा और देखना होगा कि यह कैसे काम करता है। हमें इसे राष्ट्रव्यापी स्तर पर लॉन्च करने की कोई जल्दी नहीं है। इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए जरूरी है कि अन्य देश भी साथ-साथ इसे लॉन्च करें। चीजें 2-3 साल पहले की तुलना में बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही हैं। लेकिन इस समय हमें उनके आने का इंतजार करना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘सीबीडीसी की पायलट परियोजना बेहतर चल रही है। हम अभी पर्याप्त उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस समय हम प्रोग्रामेबल उपयोग के मामलों को सामान्य रूप से उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उपयोग करने वालों की कुल संख्या अब 70 लाख है।’

रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2025 के अंत तक खुदरा खंड में सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना का विस्तार दिसंबर 2022 में स्थापना के बाद से 17 बैंकों और 60 लाख उपयोगकर्ताओं तक विस्तारित किया गया था। आगे इसकी स्वीकार्यता और बढ़ाने और वितरण में सुधार के लिए कुछ गैर बैंकों को सीबीडीसी वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने कहा था कि 4 एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को जोड़कर सीबीडीसी थोक के दायरे को और विस्तारित किया व इसे विविधतापूर्ण बनाया।

सीबीडीसी एक डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी मुद्रा व्यवस्था है। यह कागजी मुद्रा के समान है, लेकिन इसका प्रारूप अलग है। मौजूदा करेंसी के साथ सममूल्य पर इसका लेनदेन हो सकता है।

रिजर्व बैंक ने 2022 के अंत में खुदरा और थोक दोनों के लिए सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी।
शंकर ने अपने संबोधन के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि एआई के लाभ बदलाव लाने वाले हैं, लेकिन उनका जिम्मेदारी से उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘फाइनैंस में त्रुटि की गुंजाइश और भी कम है, क्योंकि वित्तीय संस्थान विश्वास पर बने होते हैं और अर्थव्यवस्थाएं स्थिरता पर समृद्ध होती हैं। ऐसे में वित्तीय व्यवस्था को एआई से जोड़ने के मामले में गहरी जिम्मेदारी के साथ काम किया जाना चाहिए, जिसमें जोखिमों की उचित पहचान और उससे निपटने के प्रभावी तरीके हों।’

जमा प्रमाण पत्र के टोकनाइजेशन पर काम

रिजर्व बैंक के चीफ जनरल मैनेजर शुभेंदु पति ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक परिसंपत्ति टोकनाइजेशन के लिए पहले उपयोग के मामले के रूप में जमा प्रमाणपत्रों (सीडी) के टोकनाइजेशन की प्रायोगिक परियोजना पर काम कर रहा है। इस परियोजना के लिए केंद्रीय बैंक अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) के थोक खंड का लाभ उठा रहा है और इस पहल पर कुछ बैंकों के साथ सहयोग कर रहा है।

सीडी कम अवधि के नेगोशिएबल मुद्रा बाजार साधन हैं। बैंक और वित्तीय संस्थान धन जुटाने के लिए इसे जारी करते हैं केंद्रीय बैंक ने पहले ही प्रायोगिक तौर पर सीडी के टोकनाइजेशन की शुरुआत कर दी है और इसे 8 अक्टूबर को ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में लॉन्च किया जाएगा।

डिजिटल टोकननाइजेशन से तात्पर्य जमा, स्टॉक और बॉन्ड जैसी परिसंपत्तियों के डिजिटल प्रारूप से है, जो ब्लॉकचेन पर संग्रहीत हैं।
इसके अलावा पति ने कहा कि रिजर्व बैंक वाणिज्यिक पत्रों सहित मुद्रा बाजार इंस्ट्रूमेंट्स में टोकनाइजेशन के प्रयोग पर विचार कर रहा है।

First Published - October 7, 2025 | 11:19 PM IST

संबंधित पोस्ट