हरियाणा और महाराष्ट्र के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन में उथल-पुथल मच गई है। यहां अब सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कांग्रेस इस गठबंधन का प्रमुख घटक दल है और इससे जुड़ी पार्टियां अब तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के इस दावे का समर्थन कर रही हैं कि कांग्रेस के किसी नेता के बजाय वह विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व संभाल सकती हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने बनर्जी को योग्य राजनीतिक हस्ती बताते हुए उनका समर्थन किया तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद ने भी स्पष्ट कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं।
बिहार में विधान सभा चुनावों में एक साल से भी कम समय बचा है। ऐसे में लालू प्रसाद की टिप्पणी को कांग्रेस नेता सीट बंटवारे के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने ममता बनर्जी की गठबंधन के नेतृत्व संबंधी मांग को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ी पार्टी है। वह संसद में विपक्ष की मजबूत आवाज है। कांग्रेस सांसद और लोक सभा में पार्टी व्हिप मणिक्कम ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन के सहयोगी दल नेतृत्व परिवर्तन की मांग एक रणनीति के तहत उठा रहे हैं ताकि अदाणी समूह मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग से ध्यान भटकाया जा सके।
पिछले कुछ वर्षों से लालू प्रसाद कांग्रेस के सबसे भरोसेमंद सहयोगी रहे हैं। लेकिन, जब पटना में पत्रकारों ने ममता बनर्जी की गठबंधन का नेतृत्व अपने हाथ में लेने संबंधी मांग के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘हां, उन्हें गठबंधन की कमान संभालनी चाहिए। इस पर केवल कांग्रेस का हक नहीं है। ममता को भी नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए।’
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री का बयान ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही कांग्रेस के बिहार प्रभारी शाहनवाज आलम ने कहा था कि उनकी पार्टी महागठबंधन में छोटे भाई की भूमिका निभाने की बिल्कुल इच्छुक नहीं है। आलम ने कहा, ‘राजनीति में कोई छोड़ा-बड़ा नहीं होता। विधान सभा चुनाव में सीटों का बंटवारा लोक सभा में प्रदर्शन समेत कई कारकों को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए।’
इसी साल हुए लोक सभा चुनाव में राजद बिहार की 40 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन केवल चार सीटों पर ही जीत मिली। कांग्रेस ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 3 जीतकर लोक सभा पहुंचे। इस तरह स्ट्राइक रेट के मामले में उसका प्रदर्शन राजद से बेहतर रहा। परंतु, 2020 के विधान सभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए राजद ने अपने कोटे की 144 में से 75 सीटें जीती थीं। कांग्रेस का प्रदर्शन इस चुनाव में बेहतर कमजोर रहा और अपने कोटे की 70 में से केवल 19 सीट पर ही उसे विजय नसीब हुई थी।
कांग्रेस के विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा, ‘लालू जी अनौपचारिक रूप से कुछ भी कह देने के लिए जाने जाते हैं। इंडिया गठबंधन की बैठक में वह क्या बोलते हैं, वह मायने रखता है। नेतृत्व परिवर्तन से उनका क्या अर्थ निकाला जाए? क्या वह राहुल गांधी को लोक सभा में विपक्ष के नेता पद से हटाने की बात कर रहे हैं?’
इस बीच, लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को अपनी पार्टी के सांसदों से कहा कि वे ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के नेताओं के बयानों पर टिप्पणी करने से परहेज करें, क्योंकि अगर कोई मुद्दा है तो उसे पार्टी नेतृत्व देखेगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी के लोक सभा सदस्यों के साथ बैठक में राहुल ने यह भी कहा कि सांसदों को जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाते रहने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राहुल गांधी ने कांग्रेस के लोक सभा सदस्यों से कहा कि वे सहयोगी दलों के छोटे और मध्य स्तर के नेताओं के बयानों पर टिप्पणी नहीं करें।
शरद पवार, लालू प्रसाद के अलावा गठबंधन के प्रमुख घटक शिवसेना (उद्धव) के नेता संजय राउत ने भी मंगलवार को संकेत दिया कि उनकी पार्टी इस बात पर चर्चा करने के लिए तैयार है कि क्या कांग्रेस के बाहर किसी को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नेतृत्व करना चाहिए।