facebookmetapixel
एफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशनउच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चा

In Parliament : ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का सोरोस से क्या रिश्ता है?’’

'मीडिया पोर्टल ‘ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’की रिपोर्ट को नेता विपक्ष ने संसद में उठाकर साबित किया कि वह ‘बाहरी शक्तियों के एजेंट हैं'

Last Updated- December 10, 2024 | 4:29 PM IST
Union Budget 2024: Congress unhappy with Finance Minister Sitharaman's budget, accused of ignoring many states Union Budget 2024: वित्त मंत्री सीतारमण के बजट से कांग्रेस नाखुश, कई राज्यों की उपेक्षा करने का लगाया आरोप

संसद में अमेरिकी उद्योगपति जार्ज सोरोस के कांग्रेस से संबंध के भाजपा के आरोपों और अदाणी समूह के खिलाफ विपक्षी दलों के आरोपों सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण मंगलवार को कार्यवाही बाधित रही तथा लोकसभा एवं राज्यसभा की कार्यवाही को एक-एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद परिसर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के विरोध प्रदर्शन के तौर-तरीकों को अशोभनीय तथा प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं के आचरण को संसदीय परंपराओं को प्रतिकूल बताया।

उन्होंने कहा कि सभी को संसद की गरिमा, मर्यादा और प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए। बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर इस विषय का उल्लेख किया और अफसोस जताया। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर प्रस्तुत कराए।

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने ‘वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक, 2024’ हंगामे के बीच ही प्रस्तुत किया। सैकिया ने विपक्ष के सदस्यों से कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘आपके कारण सदन नहीं चल रहा, ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए।’’ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘आपके शर्मनाक व्यवहार की वजह से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, इसके लिए आपको माफी मांगनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस और देश विरोधी ताकतों से क्या रिश्ते हैं, पता चलना चाहिए और इसके लिए विपक्षी दल को सदन में माफी मांगनी चाहिए। रीजीजू ने कांग्रेस और विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के तरीके पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये लोग जॉर्ज सोरोस के साथ तालमेल करके देश के खिलाफ काम करते हैं और रग-बिरंगे पहनकर आपत्तिजनक बातें करते हैं। पीठासीन सभापति सैकिया ने आसन के समीप हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। जिसका कोई असर नहीं होने पर उन्होंने कार्यवाही करीब 12 बजकर 17 मिनट पर बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दी।

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों द्वारा संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किए जाने का उल्लेख सदन में किया और क्षोभ जताया। एक दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी का मुखौटा पहने दो कांग्रेस सांसदों का प्रतीकात्मक साक्षात्कार करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। कांग्रेस सांसद शिवाजी कलगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मणिकम टैगोर ने उद्योगपति गौतम अदाणी का मुखौटा पहन रखा था। बिरला ने मंलगवार को सदन में कहा, ‘‘संसद एक पवित्र स्थल है और इस भवन की उच्च गरिमा, प्रतिष्ठा और मर्यादा है। इसी भवन में हमने आजादी प्राप्त की है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। इस संस्था में लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया जाता है। सहमति-असहमति हमारे लोकतंत्र की परंपरा रही है, जो संविधान बनते समय भी हमने अभिव्यक्त की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि संसद परिसर में जिस प्रकार के प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिस प्रकार के नारे, पोस्टर और मुखौटों का उपयोग किया जा रहा है, वह न सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि हमारी नियम प्रक्रियाओं और संसदीय परंपराओं के अनुरूप भी नहीं है।’’ बिरला ने कहा, ‘‘मुझे बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इसमें प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं का आचरण-व्यवहार भी संसदीय व्यवहार के अनुकूल नहीं है’’ उन्होंने कहा, ‘‘मर्यादित आचरण रखेंगे तो जनता में सकारात्मक संदेश जाएगा। इस लोकतंत्र के मंदिर के प्रति लोगों की बहुत गहरी आस्था और विश्वास है। आजादी के 75 वर्ष में हमने यहां चर्चा, संवाद और तीखी आलोचना देखी है। यह यहां की परंपराएं रही हैं।’’

राज्यसभा में, पूर्वाह्न 11 बजे बैठक आरंभ होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी बीच, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली के 40 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है और यह बेहद गंभीर मुद्दा है। सभापति ने सिंह को टोकते हुए कहा कि पहले उन्हें नोटिस पढ़ लेने दें। इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर शोरगुल और हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच ही तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। सभापति ने उन्हें अपनी बात कहने की अनुमति दी। डेरेक अपनी बात रखने के लिए खड़े ही हुए थे कि दोनों पक्षों की ओर से हंगामा बढ़ता देख धनखड़ ने 11 बजकर 16 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर शुरू हुई तो सभापति की अनुमति से सदन के नेता जे पी नड्डा ने कांग्रेस तथा उसके नेताओं पर विदेशी संगठनों और लोगों के माध्यम से देश की सरकार तथा अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने की कोशिश का मुद्दा उठाया। नड्डा ने कहा कि मीडिया पोर्टल ‘ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ (ओसीसीआरपी) एक ऐसी संस्था है जो भारत को और विभिन्न देशों को अस्थिर करने तथा वहां की संप्रभुता पर चोट पहुंचाने का कुत्सित प्रयास करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओसीसीआरपी ने जिन विषयों पर रिपोर्ट की है, उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता ने उठाकर यह साबित किया है कि वह ‘बाहरी शक्तियों का एक तरह से औजार बनकर देश में अस्थिरता लाने में अपना योगदान दे रहे हैं’।

नड्डा ने ‘फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसेफिक’ का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि इसकी सह-अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी की एक वरिष्ठतम नेता हैं। उन्होंने कहा कि यह संस्था भारत की संप्रभुता पर तो प्रश्न उठाती ही है, साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर को एक अलग देश के रूप में मानती है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी संस्थाओं से जुड़ा होना… कांग्रेस पार्टी का ऐसे संस्थानों के साथ संलिप्त होना… कांग्रेस नेता का ऐसी संस्था का सह अध्यक्ष होना… यह देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।’’ नड्डा ने कहा कि इस संस्था को आर्थिक रूप से मदद देने का काम उद्योगपति जॉर्ज सोरोस कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी का सोरोस से क्या रिश्ता है?’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि दुनिया ने कभी भी उस देश को माफ नहीं किया है जिसने बाहरी शक्तियों को साथ लेकर अपनी संप्रभुता पर आघात किया हो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आम आदमी के प्रति जवाबदेह है और आज देश का आम नागरिक इस मुद्दे पर सरकार से उसके रूख के बारे में जवाब मांग रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भाजपा गांव, गरीब और आम जनता के साथ खड़ी है।’’ नड्डा ने कहा कि तमाम षड्यंत्रों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश बहुत जल्द तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने वाला है। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित होकर आगे बढ़ेगा।

इसके बाद सभापति ने सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी को अपनी बात रखने का अवसर दिया। तिवारी ने कहा कि सदन के नेता ने जो भी आरोप लगाए हैं, वो गलत, बेबुनियाद और सतही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका खंडन करते हैं।’’ तिवारी ने कहा कि नड्डा के आरोपों का कोई आधार नहीं है, लेकिन उनके पास सरकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के आधार हैं। उन्होंने कहा कि एक अदालत ने संज्ञान लिया है कि 23,000 करोड़ रुपये की रिश्वत भाजपा की सरकार को, इसके अधिकारियों को दी गयी है। सत्ता पक्ष के सदस्यों के हंगामे के बीच, तिवारी ने कहा, ‘‘अदाणी मुद्दे पर आप चर्चा कराइए। हम अपनी बात रखेंगे और सरकार को पूरा मौका मिलेगा। अदाणी ने 23,000 करोड़ रुपया मोदी सरकार को दिया है।’’ तिवारी जब बोल रहे थे तो उस वक्त कांग्रेस की वरिष्ठ सदस्य सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं।

तिवारी अपनी बात रख ही रहे थे तभी द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरुची शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि नड्डा ने अपनी बात रखने के दौरान लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष का उल्लेख किया जो कि नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने सभापति से आग्रह किया कि इन बातों को सदन की कार्यवाही से बाहर किया जाए। इस पर नड्डा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ पद का उल्लेख किया है और किसी का नाम नहीं लिया है। धनखड़ ने कहा कि वह बाद में इस संदर्भ में व्यवस्था देंगे। इसके बाद भी जब हंगामा जारी रहा तो सभापति ने 12 बजकर आठ मिनट पर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

First Published - December 10, 2024 | 3:53 PM IST

संबंधित पोस्ट